उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने राज्य को सौर ऊर्जा का केंद्र बनाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस पहल का उद्देश्य केवल बिजली उत्पादन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लाखों लोगों की जिंदगी को रोशन करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। खासकर बुंदेलखंड, विंध्य और आसपास के क्षेत्रों को इस हरित ऊर्जा क्रांति का केंद्र बनाया जा रहा है।
सौर ऊर्जा में उल्लेखनीय प्रगति
2017 में जब योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद संभाला था, तब उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा उत्पादन मात्र 288 मेगावॉट था। आज यह आंकड़ा दस गुना बढ़कर हजारों मेगावॉट तक पहुंच चुका है। हाल ही में सरकार ने ऑस्ट्रेलिया की स्मार्ट एनर्जी काउंसिल और हिंदुजा ग्रुप के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है, जिसके तहत 2030 तक 500 गीगावॉट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है। यह समझौता उत्तर प्रदेश को सौर ऊर्जा के क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर एक मजबूत पहचान दिलाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।
60 हजार युवा बनेंगे सोलर मित्र
योगी सरकार ने सोलर मित्र योजना शुरू की है, जिसके तहत 60 हजार युवाओं को सौर ऊर्जा क्षेत्र में प्रशिक्षित किया जाएगा। ये युवा सोलर पैनल की स्थापना, रखरखाव, ग्रिड कनेक्शन और ट्रांसमिशन जैसे कार्यों में दक्ष होंगे। यह योजना न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी पैदा करेगी। सोलर एनर्जी पॉलिसी 2022 के तहत सरकार ने 2200 मेगावॉट का अल्पकालिक लक्ष्य भी निर्धारित किया है, जो इस दिशा में तेजी से प्रगति को दर्शाता है।
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे: देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को देश का पहला सोलर एक्सप्रेसवे बनाने की योजना है। झांसी, जालौन, चित्रकूट, ललितपुर और कानपुर जैसे जिलों में बड़े सोलर पार्क स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा, एक्सप्रेसवे और रेलवे ट्रैक के किनारे सोलर ग्रिड लगाए जाएंगे। सभी नगर निगमों में सोलर पार्क स्थापित होंगे और स्ट्रीट लाइट्स को सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा। बड़ी इमारतों (5000 वर्ग मीटर से अधिक) पर सोलर पैनल लगाना अनिवार्य कर दिया गया है, और नियमों का पालन न करने पर नक्शा पास नहीं होगा।
अयोध्या बनेगी सोलर सिटी
अयोध्या को भगवान श्रीराम की सूर्यवंशी परंपरा के अनुरूप सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके बाद, उत्तर प्रदेश के 16 अन्य नगर निगमों और नोएडा को भी चरणबद्ध तरीके से सोलर सिटी में बदला जाएगा। इस पहल से न केवल ऊर्जा की बचत होगी, बल्कि शहरों का पर्यावरण भी स्वच्छ और हरित बनेगा।
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना
प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत योगी सरकार ने 2025-26 तक 2.65 लाख रूफटॉप सोलर यूनिट और 2026-27 तक 8 लाख यूनिट स्थापित करने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए सब्सिडी प्रदान की जा रही है, और कई कंपनियां बिना डाउन पेमेंट के आसान किस्तों में सोलर पैनल लगाने की सुविधा दे रही हैं। यह योजना न केवल ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक कदम है, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार और आय का साधन भी बनेगी।
हरित भविष्य की ओर कदम
योगी सरकार की यह सौर क्रांति न केवल उत्तर प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी। सौर ऊर्जा के माध्यम से राज्य न केवल अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगा, बल्कि लाखों लोगों के लिए रोजगार के नए द्वार भी खोलेगा। यह पहल उत्तर प्रदेश को हरित ऊर्जा के क्षेत्र में एक नया मुकाम दिलाने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है।