शिवसुब्रमण्यम रमण को पेंशन निधि विनियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) का नया अध्यक्ष बनाया गया है। उन्होंने 20 जून को अपना पदभार ग्रहण किया। केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल को उनकी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की थी। पदभार ग्रहण करने की तारीख से पांच वर्ष तक या 65 वर्ष की आयु तक (जो भी पहले हो) वह इस पद पर बने रहेंगे।
शिवसुब्रमण्यम रमण 1991 बैच के भारतीय लेखा परीक्षा एवं लेखा सेवा अधिकारी हैं। पीएफआरडीए चेयरमैन बनने से पहले उन्होंने भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के कार्यालय में उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक और मुख्य प्रौद्योगिकी अधिकारी के रूप में कार्य किया। उन्होंने पहले भी नेतृत्व के कई पदों पर कार्य किया है, जिनमें भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (एसआईडीबीआई) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस सेवा लिमिटेड (एनईसीएल) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी और झारखंड राज्य के प्रधान महालेखाकार शामिल हैं। उन्होंने वर्ष 2006 से 2013 तक मुख्य महाप्रबंधक (सीजीएम) और फिर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) में कार्यकारी निदेशक के रूप में भी कार्य किया।
अर्थशास्त्र में स्नातक रमण ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमबीए की डिग्री हासिल है। उनके पास कई पेशेवर और शैक्षणिक योग्यताएं भी हैं। इनमें लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से वित्तीय विनियमन में एमएससी, एलएलबी, इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस से चीफ डिजिटल ऑफिसर सर्टिफिकेशन, इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनल ऑडिटर्स (आईआईए), फ्लोरिडा से प्रमाणित आंतरिक लेखा परीक्षक क्रेडेंशियल और सिक्योरिटीज लॉ में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा शामिल हैं।
सार्वजनिक वित्त, प्रौद्योगिकी और वित्तीय विनियमन में अपने विशाल अनुभव के साथ रमण भारत की पेंशन प्रणाली को मजबूत करने और सभी नागरिकों के लिए सेवानिवृत्ति सुरक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य में पीएफआरडीए का मार्गदर्शन करेंगे।