केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह ने 25 अप्रैल को तटीय राज्य मत्स्य सम्मेलन 2025, मुंबई में 255 करोड़ रुपये की सात प्रमुख परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इन परियोजनाओं का उद्देश्य सात तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मत्स्य पालन क्षेत्र को सशक्त बनाना है। इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना (पीएम-एमकेएसएसवाई) के तहत भारत का पहला एक्वा बीमा लॉन्च किया, जो मछली पालकों को प्राकृतिक आपदाओं, बीमारियों और अन्य जोखिमों से होने वाले नुकसान से सुरक्षा प्रदान करेगा।
इस ऐतिहासिक पहल के तहत तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के आठ मछुआरों को 2.34 लाख रुपये की एकमुश्त प्रोत्साहन राशि प्रदान की गई, जिसमें 19.41 हेक्टेयर मछली तालाब क्षेत्र का बीमा शामिल है। यह योजना अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और महिला लाभार्थियों के लिए 10% अतिरिक्त लाभ भी प्रदान करती है। इसके अलावा, केंद्रीय मंत्री ने डिजिटल एप्लिकेशन VyAS-NAV युक्त टैबलेट्स का वितरण किया, जो मत्स्य पालन क्षेत्र में डिजिटल तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देगा।
अपने संबोधन में राजीव रंजन सिंह ने नीली क्रांति, प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) और मत्स्य इंफ्रास्ट्रक्चर विकास निधि जैसी योजनाओं की प्रगति पर प्रकाश डाला। उन्होंने लक्षद्वीप और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह में बुनियादी ढांचे के विकास, निर्यात में मूल्य संवर्धन, संरक्षण उपायों को बढ़ावा देने और टिकाऊ मछली पकड़ने की प्रणालियों को अपनाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “भारत के विशाल समुद्री संसाधनों का दोहन कर हम मत्स्य पालन क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जा सकते हैं।” क्षेत्रीय मत्स्य परिषद के गठन से इस क्षेत्र में समन्वय और सहयोग को और मजबूती मिलेगी।
इस सम्मेलन में मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के राज्य मंत्री प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल, राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन, साथ ही तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों और मत्स्य पालन मंत्रियों की उपस्थिति रही। इस दौरान 5वीं समुद्री मत्स्य पालन जनगणना (MFC 2025) की शुरुआत भी की गई, जो अब पूरी तरह डिजिटल होगी। ICAR-CMFRI द्वारा विकसित VyAS-NAV मोबाइल ऐप के माध्यम से 3,477 मछली पकड़ने वाले गांवों में 1.2 मिलियन समुद्री मछुआरों के परिवारों से जियो-टैग और वास्तविक समय डेटा एकत्र किया जाएगा। इस जनगणना का फील्डवर्क नवंबर-दिसंबर 2025 में पूरा होने की उम्मीद है।
एक्वा बीमा की शुरुआत मछली पालकों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना छोटे और मझोले मछुआरों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगी, जिससे उनकी आजीविका को स्थिरता मिलेगी। विशेषज्ञों के अनुसार, यह पहल भारत के मत्स्य पालन क्षेत्र को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में मदद करेगी।