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समुद्र में राफेल विमानों से बढ़ेगी इंडियन नेवी की ताकत, फ्रांस के साथ हुई 64 हजार करोड़ की डिफेंस डील

राफेल जेट के शामिल होने से नौसेना की निगरानी और मारक क्षमता में अभूतपूर्व वृद्धि होगी। यह डील भारतीय नौसेना को हिंद महासागर में एक अदृश्य सुरक्षा कवच प्रदान करेगी।

Published: 12:56pm, 29 Apr 2025

भारतीय नौसेना को मजबूती देने के लिए भारत ने फ्रांस के साथ 64 हजार करोड़ रुपये की ऐतिहासिक डील की है। इस समझौते के तहत भारत को 26 अत्याधुनिक राफेल मरीन कॉम्बैट फाइटर जेट मिलेंगे, जिनकी तैनाती मुख्यतः विमानवाहक पोत INS विक्रांत पर की जाएगी। इस डील से हिंद महासागर क्षेत्र में भारतीय नौसेना की रणनीतिक क्षमता को नया आयाम मिलेगा, खासतौर पर चीनी नौसेना की बढ़ती सक्रियता के मद्देनजर यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है।

फिलहाल INS विक्रांत पर रूस निर्मित मिग-29 के फाइटर जेट तैनात हैं, जो अब पुराने पड़ चुके हैं और रखरखाव में भी चुनौतियां पेश कर रहे हैं। इसी जरूरत को ध्यान में रखते हुए भारत ने फ्रांस से नए राफेल मरीन जेट खरीदने का फैसला लिया है।

समझौते के तहत भारतीय नौसेना को 22 सिंगल-सीटर राफेल-एम और 4 ट्विन-सीटर ट्रेनर वेरिएंट मिलेंगे। ये विमान विशेष रूप से एयरक्राफ्ट कैरियर्स से उड़ान भरने और ऑपरेशन करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। इनकी तैनाती न केवल INS विक्रांत बल्कि INS विक्रमादित्य पर भी की जाएगी, जिससे नौसेना की मारक क्षमता और समुद्री निगरानी दोनों में जबरदस्त इजाफा होगा।

राफेल मरीन जेट्स अत्याधुनिक AESA रडार, स्पेक्ट्रा इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और हवा में ही रीफ्यूलिंग जैसी सुविधाओं से लैस हैं। ये जेट स्टेल्थ क्षमता रखते हैं और हवा, पानी व जमीन – तीनों मोर्चों पर दुश्मन को जवाब देने में सक्षम हैं। इन फाइटर जेट्स में मेटियोर, स्कैल्प और एक्सोसैट जैसी घातक मिसाइलें भी तैनात की जा सकती हैं, जो समुद्री और जमीनी लक्ष्यों को बेहद सटीकता से नष्ट कर सकती हैं।

भारत को इन राफेल मरीन जेट्स की डिलीवरी वर्ष 2028 से शुरू होगी और 2030 तक सभी 26 विमानों की आपूर्ति पूरी कर दी जाएगी। इस डील के तहत भारतीय नौसेना के पायलटों के प्रशिक्षण, सिम्युलेटर, हथियारों, संबद्ध उपकरणों और प्रदर्शन-आधारित लॉजिस्टिक्स का भी पूरा इंतजाम किया गया है। साथ ही भारतीय वायुसेना के मौजूदा राफेल बेड़े के लिए अतिरिक्त उपकरण भी मुहैया कराए जाएंगे।

समझौते पर हस्ताक्षर नई दिल्ली स्थित नौसेना भवन में हुए, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और फ्रांस के सशस्त्र बल मंत्री सेबेस्टियन लेकॉर्नू मौजूद रहे। इसके अलावा रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह, फ्रांस के भारत में राजदूत डॉ. थिएरी मथौ और डसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर समेत कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस ऐतिहासिक मौके का हिस्सा बने।

इस डील में पायलट प्रशिक्षण, सिम्युलेटर, हथियार, संबद्ध उपकरण और प्रदर्शन-आधारित रसद शामिल हैं। साथ ही, भारतीय वायु सेना के मौजूदा राफेल बेड़े के लिए अतिरिक्त उपकरण भी प्रदान किए जाएंगे। यह समझौता भारत-फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को और मजबूत करता है, जिससे भारतीय नौसेना की सामरिक ताकत को नया आयाम मिलेगा।

YuvaSahakar Desk

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