सहकारिता मंत्रालय ने अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (IYC) 2025 की वार्षिक कार्य योजना की प्रगति की समीक्षा के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की। मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में ‘एक पेड़ मां के नाम’ और राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान दिया गया। इन पहलों ने देशभर में पर्यावरणीय स्थिरता और सामुदायिक जागरूकता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
बैठक में संयुक्त सचिव आनंद कुमार झा, निदेशक कपिल मीणा और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। इस दौरान जमीनी स्तर पर कार्यान्वयन, अंतर-राज्यीय समन्वय और सहकारी नेतृत्व वाली पहलों में सामुदायिक भागीदारी की प्रगति का मूल्यांकन किया गया। ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान ने उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, पंजाब, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, बिहार, तेलंगाना और सिक्किम जैसे राज्यों में उत्साहपूर्ण भागीदारी देखी, जो माताओं को सम्मानित करने के साथ पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दे रहा है। वहीं, राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान ने ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में सहकारी समितियों के माध्यम से स्वच्छता को बढ़ावा दिया है।
ये पहल ‘सहकार से समृद्धि’ मिशन का हिस्सा हैं, जिसका उद्देश्य सहकारी समितियों को समावेशी विकास का आधार बनाना है। बैठक में श्वेत क्रांति 2.0 के तहत डेयरी क्षेत्र के आधुनिकीकरण और त्रिभुवन सहकारी विश्वविद्यालय के माध्यम से सहकारी शिक्षा को मानकीकृत करने जैसे प्रयासों पर भी चर्चा हुई। मंत्रालय ने 63,000 से अधिक प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) और कृषि व ग्रामीण विकास बैंकों (ARDB) को डिजिटल बनाने की प्रगति की समीक्षा की, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि होगी।
सहकारी समितियों को किफायती वित्त प्रदान करने के लिए रुपे किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से शून्य-ब्याज ऋण योजनाओं पर काम चल रहा है। सहकारी बैंकों को कोर बैंकिंग सिस्टम से जोड़ने और बहुउद्देश्यीय सहकारी समितियों को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया गया। प्रौद्योगिकी, कौशल विकास और पर्यावरणीय स्थिरता पर ध्यान केंद्रित करते हुए, सहकारी आंदोलन को समकालीन चुनौतियों के लिए सशक्त बनाया जा रहा है।