देवभूमि उत्तराखंड में सहकारिता के क्षेत्र को मजबूत बनाने और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न जिलों में सहकारी मेलों का आयोजन किया जा रहा है। इन मेलों का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों, महिला स्वयं सहायता समूहों, और ग्रामीण उद्यमों को व्यापक बाजार से जोड़ना है। पौड़ी जिले के श्रीनगर स्थित आवास विकास मैदान में नौ दिवसीय सहकारिता मेला इसी पहल का एक महत्वपूर्ण उदाहरण है।
मेले के सातवें दिन प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया। उन्होंने विभिन्न विभागों, समूहों और संस्थाओं की ओर से लगाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण किया और काश्तकारों एवं स्वयं सहायता समूहों से संवाद किया। मुख्यमंत्री ने स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा उन्हें बाजार से जोड़ने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की और लाभार्थियों को चेक वितरित किए।
सहकारिता आत्मनिर्भरता का माध्यम: मुख्यमंत्री धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सहकारिता केवल आर्थिक प्रगति का माध्यम नहीं, बल्कि समाज को जोड़ने और आत्मनिर्भरता की दिशा में अग्रसर करने का भी एक सशक्त उपकरण है। उन्होंने कहा कि यह मेला सहकारिता की भावना को और प्रगाढ़ करेगा तथा महिलाओं और स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पादों को एक व्यापक मंच पर प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि “सहकारिता भारत की संस्कृति और जीवन पद्धति का प्रतीक है,” जिसकी झलक ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना में भी दिखाई देती है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 को विश्व सहकारिता वर्ष घोषित किया गया है, और केंद्र सरकार ने “सहकारी से समृद्धि” के लक्ष्य को साकार करने के लिए एक अलग सहकारी मंत्रालय का गठन किया है।
अब तक 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में सहकारिता क्षेत्र को सशक्त और पारदर्शी बनाने के लिए अब तक 671 सहकारी समितियों का कंप्यूटरीकरण पूरा किया जा चुका है। राज्य की 13 जिलों की 5,511 समितियों में से 3,838 समितियों के अभिलेख राष्ट्रीय सहकारी पोर्टल पर अपलोड कर दिए गए हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में मंडुवा की खरीद मूल्य में ₹5.50 प्रति किलो की वृद्धि की गई है और अब इसे ₹48.86 प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदा जा रहा है।
किसानों को ब्याजमुक्त ऋण, सहकारी बैंकों में 16 हजार करोड़ जमा
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि कृषि कार्यों के लिए किसानों को “पंडित दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना” के अंतर्गत ₹5 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रदेश के सहकारी बैंकों में वर्तमान में ₹16,000 करोड़ की सहकारी पूंजी जमा है, जो जनता के विश्वास और सहकारिता प्रणाली की मजबूती का प्रतीक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिला उद्यमिता को नई दिशा मिल रही है। कैबिनेट मंत्री धन सिंह रावत की मांग के अनुसार श्रीनगर में सीवर लाइन और पेयजल आपूर्ति की डीपीआर मिलते ही स्वीकृत की जाएगी, जिससे नगर में 15 घंटे तक निर्बाध जलापूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी।
उत्तराखंड में 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े
राज्य के सहकारिता मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि वर्तमान में राज्य में लगभग 31 लाख लोग सहकारिता से जुड़े हुए हैं और सरकार का लक्ष्य इसे 50 लाख तक पहुंचाने का है। उन्होंने कहा कि सहकारिता विभाग ने प्रदेश के 16 लाख किसानों को जीरो ब्याज दर पर ऋण वितरित किया है।
मंत्री धन सिंह रावत ने बताया कि श्रीनगर में आयोजित सहकारिता मेले में महिला स्वयं सहायता समूहों ने लगभग ₹35 लाख का व्यापार किया है, जबकि कुल व्यापार का आंकड़ा ₹1 करोड़ तक पहुंच गया है। उन्होंने बताया कि सहकारी संस्थाएं वर्तमान में ₹30 करोड़ के लाभ में हैं। राज्य में 1.80 लाख महिलाएं “लखपति दीदी” बन चुकी हैं और सरकार का लक्ष्य इस संख्या को 4 लाख तक बढ़ाने का है।
26,500 से अधिक लोगों को मिला रोजगार
धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार के प्रयासों से रोजगार के अवसर लगातार बढ़ रहे हैं। आगामी मंगलवार को 1,500 एलटी शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित किए जाएंगे, जिससे राज्य में कुल रोजगार का आंकड़ा 26,500 के पार पहुंच जाएगा।
मुख्यमंत्री धामी और मंत्री रावत ने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों को ₹5-5 लाख के चेक वितरित किए। इनमें शक्ति स्वयं सहायता समूह पाबौ (बागवानी), उड़ान समूह पाबौ (मुर्गी पालन), सवेरा समूह पलिगांव (दोना-पत्तल निर्माण), महादेव समूह पैठाणी (मुर्गी पालन) और मालन समूह जयहरीखाल (बदरी गाय पालन) शामिल हैं।
वहीं, वसुंधरा स्वायत्त सहकारिता पसीना और जय भोलेनाथ स्वायत्त सहकारिता कंडेरी को कृषि विभाग की एसएमएएम योजना के अंतर्गत कृषि यंत्रों के लिए ₹4-4 लाख के चेक दिए गए। गुच्छी उत्पादन तकनीक के लिए नवीन पटवाल को भी सम्मानित किया गया।
बागेश्वर में केंद्रीय मंत्री अजय टम्टा ने किया सहकारिता मेले का उद्घाटन
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्य मंत्री अजय टम्टा ने बागेश्वर के नुमाइशखेत में पांच दिवसीय सहकारिता मेले का उद्घाटन किया, जिसकी थीम “सहकारिता से पर्वतीय कृषि” रखी गई है।
उद्घाटन अवसर पर उन्होंने दीन दयाल उपाध्याय योजना के तहत 27 किसानों को ₹31.50 लाख के ब्याजमुक्त ऋण के चेक वितरित किए और सहकारी समितियों को माइक्रो एटीएम भी सौंपे। उन्होंने कहा कि सहकारिता मेला स्थानीय उद्यमियों, महिला स्वयं सहायता समूहों और पारंपरिक उत्पादों को व्यापक बाजार से जोड़ने का माध्यम बनेगा।
स्थानीय उत्पादों और संस्कृति का संगम
बागेश्वर मेले में स्थानीय कलाकारों, बच्चों और महिलाओं को अपनी प्रतिभा प्रदर्शित करने का अवसर मिला। कार्यशालाओं के माध्यम से युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वे स्टार्टअप्स की ओर प्रेरित हों। मेले में जैविक उत्पादों की प्रदर्शनी, महिला एसएचजी की भागीदारी और सहकारी बैंकों के स्टॉल आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं। लोकनृत्य जैसी सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने आयोजन को और जीवंत बना दिया है।