नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज लिमिटेड (NFCSF) और इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी (IFGE) ने भारत में गन्ना आधारित जैव ऊर्जा और टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए एक ऐतिहासिक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए हैं। यह साझेदारी भारत के पारंपरिक चीनी उद्योग को हरित ऊर्जा के राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ जोड़ने की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम है। इसका उद्देश्य नवाचार को प्रोत्साहन, नीति वकालत को मजबूत करना और दोनों संगठनों की विशेषज्ञता का उपयोग कर हरित ऊर्जा प्रथाओं को बढ़ावा देना है।
इस समझौते पर NFCSF के प्रबंध निदेशक प्रकाश नाइकनवरे और IFGE की बायोएनर्जी कमेटी के चेयरमैन व प्राज इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष (बायो एनर्जी) अतुल मुलाय ने 23 अप्रैल 2025 को नई दिल्ली में आयोजित इंडिया बायो-एनर्जी एंड टेक एक्सपो के उद्घाटन समारोह में हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी, NFCSF के अध्यक्ष हर्षवर्धन पाटिल, IFGE शुगर एंड बायोएनर्जी फोरम के अध्यक्ष व श्री रेणुका शुगर्स लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक रवि गुप्ता, और IFGE के महानिदेशक संजय गंजू जैसे गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
MoU के तहत, NFCSF गन्ने और इसके उप-उत्पादों से जैव ऊर्जा उत्पादन के लिए अपनी विशेषज्ञता साझा करेगा, अनुसंधान संसाधन उपलब्ध कराएगा और संयुक्त प्रचार व नीति गतिविधियों का समर्थन करेगा। वहीं, IFGE गन्ना आधारित जैव ऊर्जा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देगा, साथ ही नीति निर्माताओं और उद्योग जगत के साथ सेमिनार, कार्यशालाएं और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करेगा। यह सहयोग भारत के चीनी उद्योग को स्थिरता की ओर ले जाएगा, जिसमें गन्ना न केवल खाद्य फसल बल्कि जैव ऊर्जा का महत्वपूर्ण स्रोत बनेगा।
यह पहल ऐसे समय में आई है जब भारत ऊर्जा विविधीकरण और जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए आक्रामक कदम उठा रहा है। NFCSF और IFGE की यह साझेदारी सहकारी समितियों की ताकत को हरित नवाचार के साथ जोड़कर देश के स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा भविष्य को साकार करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह सहयोग न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देगा, बल्कि रोजगार सृजन और आर्थिक विकास को भी गति प्रदान करेगा।