केंद्रीय सहकारी राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने मंगलवार को पुणे में शहरी सहकारी बैंकों (UCBs) के वरिष्ठ प्रतिनिधियों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। यह बैठक राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त एवं विकास निगम (NUCFDC) द्वारा आयोजित की गई, जिसमें सहकारी बैंकिंग सेक्टर को सुदृढ़ बनाने और छोटे संस्थानों की भागीदारी बढ़ाने पर विशेष जोर दिया गया।
बैठक के दौरान मोहोल ने UCBs को NUCFDC के साथ हाथ मिलाने का आग्रह किया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना करते हुए बताया कि कैसे उनकी नीतियां देशभर में सहकारी बैंकिंग इकोसिस्टम को मजबूत कर रही हैं।
ढाई घंटे से अधिक चली इस बैठक में सहकारी बैंकिंग क्षेत्र की कई प्रमुख हस्तियां शामिल रहीं, जिनमें सतीश मराठे, दीपक टावरे (IAS), आरती पाटिल, एडवोकेट प्रहलाद कोकरे, वैभव संघवी, सुभाष मोहिते, शिरीष देशपांडे, प्रभात चतुर्वेदी आदि शामिल थे।
NUCFDC की भूमिका और भविष्य की योजनाएं
NUCFDC के अध्यक्ष ज्योतिंद्र मेहता ने बैठक को “फलदायी” बताते हुए कहा कि सकारात्मक माहौल में सहकारी बैंकिंग की वर्तमान स्थिति और भविष्य की रूपरेखा पर विस्तृत चर्चा हुई। उन्होंने छोटे UCBs की भागीदारी बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर देते हुए बताया कि अधिकांश राज्यों से उत्साहजनक प्रतिक्रिया मिली है, हालांकि पूर्वोत्तर राज्यों जैसे सिक्किम, नागालैंड और मणिपुर से अधिक सहभागिता की जरूरत है।
बैठक का एक अहम पहलू कॉमन कोर बैंकिंग सॉल्यूशन (CBS) के विकास पर केंद्रित रहा, जिसे नाबार्ड (NABARD) के सहयोग से लागू किया जाएगा। इससे पूरे सहकारी बैंकिंग सेक्टर के संचालन में पारदर्शिता और सुव्यवस्था सुनिश्चित होगी। प्रस्ताव के लिए अनुरोध (RFP) पहले ही जारी किए जा चुके हैं और परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए संभावित विक्रेताओं से निविदाएं मंगाई जा रही हैं।
सारस्वत बैंक का बड़ा योगदान
बैठक के दौरान भारत के सबसे बड़े शहरी सहकारी बैंक सारस्वत सहकारी बैंक—जो NUCFDC का सबसे बड़ा योगदानकर्ता भी है—ने संगठन की शेयर पूंजी में 8 करोड़ रुपये का अतिरिक्त योगदान देने की घोषणा की। इससे NUCFDC की वित्तीय नींव और अधिक मजबूत होगी तथा बैंकिंग नेटवर्क में स्थायित्व आएगा।
यह महत्वपूर्ण बैठक न सिर्फ सहकारी बैंकों के बीच एकजुटता बढ़ाने का प्रतीक रही, बल्कि भारत में एक अधिक एकीकृत और लचीले सहकारी बैंकिंग नेटवर्क की दिशा में उठाया गया अहम कदम साबित हुई। इस परिवर्तन में महाराष्ट्र अग्रणी भूमिका निभा रहा है, जो पूरे देश के लिए एक उदाहरण बनेगा।