भारतीय कृषि अर्थशास्त्र और नीतिगत अनुसंधान संस्थान (ICAR–NIAEP) द्वारा नई दिल्ली में मंगलवार को “सहकारी संस्थानों और आर्थिक क्षेत्रों के माध्यम से सहकारी आर्थिक ढांचा” विषय पर एक उच्च स्तरीय गोलमेज सम्मेलन आयोजित किया गया। इस आयोजन में सहकारी क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं तथा संस्थागत प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
नेशनल कोऑपरेटिव यूनियन ऑफ इंडिया (NCUI) के अध्यक्ष श्री दिलीप संघानी ने सहकारी मॉडल की सराहना करते हुए इसे ग्रामीण विकास, सामाजिक समानता और समावेशिता की दिशा में अत्यंत प्रभावी बताया। उन्होंने कहा कि उत्पादन, गुणवत्ता और प्रशिक्षण जैसे पहलुओं में मजबूत ढांचा सफलता की कुंजी है।
IFFCO के प्रबंध निदेशक डॉ. यू. एस. अवस्थी ने मुख्य वक्ता के रूप में संबोधित करते हुए नैनो उर्वरकों सहित कृषि क्षेत्र में आधुनिक तकनीकों को अपनाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इन तकनीकों से ग्रामीण भारत में सकारात्मक परिवर्तन आ रहा है।
सम्मेलन के दौरान सहकारी क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए तीन व्यक्तित्वों को सम्मानित किया गया: डॉ. मल्लिका कुमार को ‘रोमाशा अवार्ड 2025’, सुश्री कामना झा को ‘लक्ष्मी सहगल ग्लोबल अवार्ड 2025’ और डॉ. उमाकांत दास को ‘LVS पब्लिक पॉलिसी लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2025’ से नवाजा गया।
ICAR के निदेशक डॉ. पी. एस. बिरला, नीति आयोग के श्री कमल त्रिपाठी और IFFCO के श्री योगेन्द्र कुमार सहित अनेक गणमान्य प्रतिनिधियों की उपस्थिति में यह सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ।
यह पहल सहकारी ढांचे को मजबूती देकर देश की आर्थिक प्रगति को सुदृढ़ करने की दिशा में एक सशक्त कदम सिद्ध हुई।