उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के कृषि क्षेत्र को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के नाम पर पांच नए सीड पार्क स्थापित करने की घोषणा की है। इन पार्कों के माध्यम से किसानों को स्थानीय स्तर पर सस्ते और गुणवत्तायुक्त बीज उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे राज्य की बीज उत्पादन में निर्भरता को कम किया जा सके।
उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष 139.43 लाख क्विंटल बीज की आवश्यकता होती है, लेकिन वर्तमान में केवल 40 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का ही उत्पादन हो पाता है। इस कमी को पूरा करने और बाहरी राज्यों पर निर्भरता को समाप्त करने के लिए ये सीड पार्क पश्चिमी, तराई, मध्य, बुंदेलखंड और पूर्वी जोन में स्थापित किए जाएंगे। इन पार्कों का निर्माण राज्य को बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
प्रत्येक सीड पार्क 150 से 200 एकड़ क्षेत्र में फैला होगा। पहले चरण में लखनऊ के अटारी में 130.63 एकड़ भूमि पर एक सीड पार्क की स्थापना प्रस्तावित है, जिसके लिए 266.70 करोड़ रुपये की लागत अनुमानित है। इन पार्कों में बीज व्यवसायियों को बीज प्रसंस्करण इकाइयां, ताप नियंत्रित भंडारण, हाइब्रिड लैब और स्पीड ब्रीडिंग जैसी आधुनिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके साथ ही, निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए 30 से 90 वर्ष की अवधि के लिए लीज पर भूमि दी जाएगी।
इन परियोजनाओं से रोजगार सृजन को भी बढ़ावा मिलेगा। प्रत्येक सीड पार्क से 1200 लोगों को प्रत्यक्ष और 3000 लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा। इस तरह, पांचों पार्क मिलकर 6000 प्रत्यक्ष और 15000 अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर सृजित करेंगे, जिससे कुल 21,000 लोगों को रोजगार प्राप्त होगा। साथ ही, प्रत्येक पार्क से लगभग 40,000 बीज उत्पादक किसान जुड़ सकेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी।
यह योजना न केवल उत्तर प्रदेश को गुणवत्तायुक्त बीज उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि राज्य को 1 ट्रिलियन डॉलर की कृषि अर्थव्यवस्था की ओर ले जाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। सरकार का यह प्रयास किसानों के हित में एक क्रांतिकारी कदम माना जा रहा है।