भारत में डिजिटल और तकनीकी विकास को नई दिशा देने के लिए गूगल (Google) ने मंगलवार को ऐतिहासिक निवेश की घोषणा की। कंपनी अगले पांच वर्षों में भारत में कुल 15 अरब डॉलर का निवेश करेगी। इस निवेश के तहत आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक विशाल डेटा सेंटर और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब स्थापित किया जाएगा। गूगल के मुताबिक, यह अमेरिका के बाहर दुनिया का सबसे बड़ा AI हब होगा।
इस अवसर पर दिल्ली में आयोजित समझौता कार्यक्रम में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, राज्य के आईटी मंत्री नारा लोकेश और गूगल के सीईओ थॉमस कुरियन उपस्थित रहे। गूगल क्लाउड के CEO थॉमस कुरियन ने कहा, “यह हमारे लिए अमेरिका के बाहर सबसे बड़ा AI हब निवेश है। भारत अब तेजी से ग्लोबल टेक हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।”
गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस निवेश पर चर्चा की। पिचाई ने PM मोदी को बताया कि यह निवेश न केवल भारत, बल्कि पूरे एशिया के लिए टेक्नोलॉजिकल मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि AI हब से भारत के व्यवसायियों, शोधकर्ताओं और इनोवेटर्स को अत्याधुनिक संसाधन उपलब्ध होंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विशाखापत्तनम में Google AI हब के लॉन्च पर खुशी व्यक्त की और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (X) पर एक पोस्ट में लिखा, “आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में Google AI हब की शुरुआत से मैं बहुत उत्साहित हूं। यह पहल टेक्नोलॉजी को देश के हर नागरिक तक पहुँचाने में एक बड़ी ताकत बनेगी।”
विशाखापत्तनम: भारत का डिजिटल पावरहाउस
विशाखापत्तनम में स्थापित होने वाला यह डेटा सेंटर 1 गीगावॉट क्षमता वाला होगा और AI इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रीन एनर्जी स्रोत और हाई-स्पीड फाइबर नेटवर्क से लैस होगा। यह न केवल डेटा स्टोरेज के लिए बल्कि AI आधारित सेवाओं और अनुसंधान के लिए भी उपयोग होगा। परियोजना के पूरा होने पर आंध्र प्रदेश भारत के सबसे बड़े डिजिटल केंद्रों में शामिल हो जाएगा।
विशाखापत्तनम का यह डेटा सेंटर न केवल क्षमता में, बल्कि निवेश के मामले में भी एशिया का सबसे बड़ा डेटा सेंटर होगा। यह गूगल के सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड में चल रहे मल्टी-बिलियन डॉलर डेटा सेंटर विस्तार अभियान का हिस्सा है।
गूगल का यह निवेश ऐसे समय में आया है जब माइक्रोसॉफ्ट, अमेज़न और मेटा जैसी कंपनियां भारत में AI और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी से निवेश कर रही हैं। गूगल ने अकेले इस साल 85 अरब डॉलर का बजट डेटा सेंटर नेटवर्क विस्तार के लिए निर्धारित किया है। इस कदम से AI सर्विसेज की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी।
भारत के डिजिटल भविष्य की दिशा
गूगल का यह ऐतिहासिक कदम भारत के तकनीकी विकास को नई दिशा देगा। AI हब से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, AI रिसर्च और क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत होगा, और साइबर सुरक्षा में भी सुधार होगा।
Google इस परियोजना को Adani Enterprises की जॉइंट वेंचर कंपनी AdaniConneX और Airtel के साथ मिलकर तैयार करेगा। AdaniConneX डेटा सेंटर निर्माण के साथ-साथ ऊर्जा उत्पादन, ऊर्जा भंडारण और नई ट्रांसमिशन लाइनों में निवेश करेगा, जबकि Airtel इसकी फाइबर नेटवर्किंग और सबसी केबल कनेक्टिविटी में भागीदारी निभाएगा।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने इसे “Viksit Bharat 2047” विज़न की दिशा में निर्णायक कदम बताया। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह निवेश नीति और नवाचार के बीच सामंजस्य का प्रतीक है और भारत को आने वाले दशकों में तकनीकी लीडर बनने में मदद करेगा।
आर्थिक और सामाजिक प्रभाव
राज्य सरकार के अनुसार, इस AI हब से:
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1.8 लाख से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियों का सृजन होगा।
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हर साल ₹10,000 करोड़ से अधिक का आर्थिक योगदान होगा।
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डेटा स्थानीय स्तर पर संग्रहित होने से भारत की डिजिटल संप्रभुता मजबूत होगी।
Google के स्वतंत्र विश्लेषण के अनुसार, यह हब अमेरिका की GDP में भी $15 अरब डॉलर का योगदान देगा क्योंकि इसमें अमेरिकी विशेषज्ञता और टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा।
AI City Vizag: एशिया का अगला टेक हब
यह परियोजना “AI City Vizag” पहल का हिस्सा है। इसके तहत:
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विशाखापत्तनम में क्लीन एनर्जी सपोर्टेड डेटा सेंटर क्लस्टर विकसित किया जाएगा।
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स्टार्टअप्स, शोध संस्थान और टेक्नोलॉजी कंपनियों के लिए इनोवेशन इकोसिस्टम तैयार होगा।
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अंडरसी केबल कनेक्टिविटी के माध्यम से भारत को वैश्विक इंटरनेट नेटवर्क से तेज़ और सुरक्षित जोड़ा जाएगा।
गूगल का यह निवेश न केवल भारत की डिजिटल क्षमता को वैश्विक मंच पर मजबूती देगा, बल्कि AI, क्लाउड और डेटा प्रौद्योगिकी में भारत को वैश्विक नेतृत्व दिलाने में मदद करेगा। यह परियोजना आने वाले वर्षों में भारत की टेक्नोलॉजी यात्रा का केंद्र बिंदु बन सकती है।