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सहकारिता से सशक्त हो रहे बिहार के बागवान

विदेशी उपभोक्ताओं की मांग को देखते हुए फल और सब्जियों के निर्यात को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पड़ोसी देश नेपाल में सड़क के रास्ते भारी मात्रा में फल और सब्जियों का निर्यात किया जा रहा है। सिंगापुर की मंडियों से भी आयात मांग आई है, जिसके लिए यहां के निर्यातकों ने वहां के लोगों से संपर्क बनाना शुरू कर दिया है। 

Published: 09:00am, 28 Jun 2025

-बिहार के करेला, परवल, बैगन, कटहल, केला और जर्दालु आम की निर्यात मांग बढ़ी

-ट्रायल के आधार पर निर्यात की पहली खेप को विदेशी उपभोक्ताओं ने लिया हाथोंहाथ

बिहार की सहकारी क्रांति की गूंज विलायत में भी सुनी जा रही है। राज्य में सहकारिता की अलख अब नए मुकाम पर पहुंचने लगी है। सहकारिता के माध्यम से बिहार के किसानों की उपज अब दुनिया के कई देशों में पहुंच रही है। प्रायोगिक तौर पर यहां की उपज का निर्यात किया गया जिसे वैश्विक मंच पर बहुत सराहा गया है। इससे उत्साहित राज्य के किसानों द्वारा वैश्विक मांग के आधार पर खेती की जा रही है। बिहार के परवल, करेला, बैगन, कटहल और केला के साथ स्वादिष्ट जर्दालु आम भी विश्व बाजार में धूम मचा रहा है। पहली खेप में पहुंची सब्जियां और फलों को उपभोक्ताओं ने हाथोंहाथ लिया है। 

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत सहकारिता में सहकार की भावना को आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने सहकारिता के माध्यम से वैश्विक स्तर पर अपनी पहचान बनाई है। राज्य सरकार के मुताबिक विदेशों से सब्जियों की मांग में लगातार वृद्धि हो रही है। पिछले महीने बिहार से सब्जियों और फलों की खेप दुबई के बाजार में भेजी गई है। इनमें 10 किस्म की फल और सब्जियां शामिल थी। विदेशी उपभोक्ताओं की मांग को देखते हुए फल और सब्जियों के निर्यात को प्रोत्साहित किया जा रहा है। पड़ोसी देश नेपाल में सड़क के रास्ते भारी मात्रा में फल और सब्जियों का निर्यात किया जा रहा है। सिंगापुर की मंडियों से भी आयात मांग आई है, जिसके लिए यहां के निर्यातकों ने वहां के लोगों से संपर्क बनाना शुरू कर दिया है। 

बिहार के कृषि उत्पादों का प्रत्येक सप्ताह 45 टन निर्यात का ट्रायल चल रहा है। इसी के मद्देजनर पूरे राज्य में कोल्ड स्टोरेज की श्रृंखला तैयार की जा रही है, जिससे राज्य के किसानों को उनकी उपज का बेहतर मूल्य मिल सकेगा। घरेलू बाजारों में यहां के उत्पादों की मांग के मद्देनजर हिंदुस्तान लिवर लिमिटेड ने वैशाली जिले के टमाटर उत्पादक किसानों से खरीद की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए किसानों से कांट्रैक्ट भी किया जा रहा है, जिससे किसानों को उनके उत्पाद का सुनिश्चित मूल्य प्राप्त हो सकेगा।

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत राज्य में जिला स्तरीय कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं, जिसमें राज्य के किसानों प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्हें विश्व बाजार से निकल रही मांग के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसी दौरान उन्हें बताया जा रहा है कि सहकारी समितियों के माध्यम से उत्पादित फल और सब्जियों का निर्यात शुरू हो गया है। इसमें ज्यादा से ज्यादा किसान हिस्सा ले सकते हैं।

निर्यात की पहली खेप में बिहार से 1500 किलोग्राम सब्जियां और फल दुबई भेजे गए। इसमें परवल, करैला, बैंगन, कटहल, केला और जर्दालु आम समेत कुल 10 प्रकार की कृषि उपज शामिल थीं। इसके अतिरिक्त, नेपाल से 5000 किलो उपज की मांग प्राप्त हुई है और सिंगापुर से भी मांग आई है। कृषि उत्पादों का निर्यात राज्य के किसानों की आय में वृद्धि की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रत्येक प्रखंड में 10 टन क्षमता वाले कोल्ड स्टोरेज का निर्माण कराया जा रहा है। प्रथम चरण में यह योजना 52 प्रखंडों में लागू की जा रही है।  

Yuvasahkar Desk

यह लेख "Yuvasahakar Desk" द्वारा लिखा गया है

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