बिहार सरकार राज्य के परंपरागत कृषि उत्पाद मखाना को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने घोषणा की है कि मखाना उत्पादकों को वैश्विक बाजारों से जोड़ने और उनके आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से राज्य के छह प्रमुख जिलों में मखाना सहकारिता फेडरेशन (Makhana Cooperative Federation) का गठन किया जाएगा।
सहरसा, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा और मधुबनी जिलों में इस फेडरेशन की स्थापना की जाएगी। इन जिलों को मखाना उत्पादन का मुख्य केंद्र माना जाता है। सहकारिता विभाग के अनुसार, फेडरेशन के माध्यम से मखाना किसानों को अंतरराष्ट्रीय निर्यात चैनल तक पहुंचने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त होगा।
ज्ञात हो कि बिहार के मिथिला मखाना को वर्ष 2022 में जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग मिल चुका है। इससे मखाना की विशिष्ट पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। अब राज्य सरकार इस पहचान को आर्थिक लाभ में बदलने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है।
डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि सहकारिता विभाग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के विजन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में कार्य कर रहा है। किसानों को न केवल बेहतर बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे, बल्कि मखाना उत्पादन से संबंधित तकनीकी प्रशिक्षण, बीज, आधुनिक विधियों और प्रसंस्करण यूनिट जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।
फेडरेशन के माध्यम से किसानों को एक सशक्त मंच मिलेगा, जहां वे संगठित होकर बड़े स्तर पर मखाना की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन कर सकेंगे। इससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और कृषि क्षेत्र में सहकारिता की भूमिका और अधिक प्रभावशाली होगी।