Trending News

 PM मोदी को मिला ब्राजील का सर्वोच्च नागरिक सम्मान सम्मान, राष्ट्रपति लूला ने 'ग्रैंड कॉलर ऑफ़ द नेशनल ऑर्डर ऑफ़ द सदर्न क्रॉस' से किया सम्मानित, PM मोदी को मिला 26वां अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान         अफ्रीकी देश नामीबिया पहुंचे पीएम मोदी, नामीबिया की संसद को संबोधित करेंगे भारत के प्रधानमंत्री         एक ही सहकारी बोर्ड के लिए परिवार के कई सदस्य नहीं लड़ सकेंगे चुनाव, सहकारी चुनाव प्राधिकरण का बहु-राज्य सहकारी समितियों के चुनाव के लिए बड़ा फैसला         ट्रेड यूनियन और किसान संगठनों का भारत बंद, वोटर वेरिफिकेशन के विरोध में I.N.D.I.A. का बिहार बंद, नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी प्रदर्शन में शामिल, वोटर वेरीफिकेशन के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में 10 जुलाई को सुनवाई         अमरनाथ यात्रा : छह दिन में 1.11 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किए बाबा बर्फानी के दर्शन, जम्मू के से 7,579 श्रद्धालुओं का नया जत्था हुआ रवाना         मौसम: देशभर में पूरी तरह सक्रिय मानसून, दिल्ली-यूपी में आज होगी भारी बारिश, हिमाचल-उत्तराखंड में तबाही का दौर जारी, हिमाचल में फ्लैश फ्लड और भूस्खलन से 80 से ज्यादा लोगों की मौत, पश्चिम भारत में बाढ़ जैसे हालात       

बिहार के मखाना उत्पादकों को मिलेगा वैश्विक मंच, मखाना सहकारिता फेडरेशन का होगा गठन

बिहार सरकार ने मखाना उत्पादक किसानों को अंतरराष्ट्रीय बाजारों से जोड़ने और उन्हें बेहतर मूल्य दिलाने के उद्देश्य से 6 जिलों में मखाना सहकारिता फेडरेशन के गठन की घोषणा की है। इससे मखाना उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और किसानों को वैश्विक स्तर पर नया बाजार मिलेगा।

Published: 12:04pm, 08 Jul 2025

बिहार सरकार राज्य के परंपरागत कृषि उत्पाद मखाना को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाने जा रही है। सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने घोषणा की है कि मखाना उत्पादकों को वैश्विक बाजारों से जोड़ने और उनके आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से राज्य के छह प्रमुख जिलों में मखाना सहकारिता फेडरेशन (Makhana Cooperative Federation) का गठन किया जाएगा।

सहरसा, सुपौल, कटिहार, पूर्णिया, दरभंगा और मधुबनी जिलों में इस फेडरेशन की स्थापना की जाएगी। इन जिलों को मखाना उत्पादन का मुख्य केंद्र माना जाता है। सहकारिता विभाग के अनुसार, फेडरेशन के माध्यम से मखाना किसानों को अंतरराष्ट्रीय निर्यात चैनल तक पहुंचने का अवसर मिलेगा, जिससे उन्हें अपने उत्पाद का उचित मूल्य प्राप्त होगा।

ज्ञात हो कि बिहार के मिथिला मखाना को वर्ष 2022 में जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग मिल चुका है। इससे मखाना की विशिष्ट पहचान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है। अब राज्य सरकार इस पहचान को आर्थिक लाभ में बदलने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य कर रही है।

डॉ. प्रेम कुमार ने बताया कि सहकारिता विभाग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “सहकार से समृद्धि” के विजन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में कार्य कर रहा है। किसानों को न केवल बेहतर बाजार उपलब्ध कराए जाएंगे, बल्कि मखाना उत्पादन से संबंधित तकनीकी प्रशिक्षण, बीज, आधुनिक विधियों और प्रसंस्करण यूनिट जैसी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।

फेडरेशन के माध्यम से किसानों को एक सशक्त मंच मिलेगा, जहां वे संगठित होकर बड़े स्तर पर मखाना की ब्रांडिंग, पैकेजिंग और विपणन कर सकेंगे। इससे राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और कृषि क्षेत्र में सहकारिता की भूमिका और अधिक प्रभावशाली होगी।

Yuvasahkar Desk

यह लेख "Yuvasahakar Desk" द्वारा लिखा गया है

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x