- पाटन के उपाध्याय कृष्णपाल विजयपाल और प्रदीप कुमार चंदूलाल लोधा के सपने हकीकत में हुए तब्दील
नेशनल युवा कोऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड (NYCS) का यह दृढ़ विश्वास है कि युवाओं को यदि सही मार्गदर्शन और सहयोग मिले, तो उनका सपना साकार हो सकता है। साकार हुआ सपना एक सकारात्मक सोच का विस्तार करता है जिससे अन्य लोग प्रेरित होते हैं। एनवाईसीएस का प्रमुख वित्तीय सहायता कार्यक्रम अनेक लोगों को आत्मनिर्भर बनने, अपने व्यवसाय स्थापित करने और अपने समुदायों को सशक्त करने का अवसर दे रहा है जिससे उनमें सकारात्मकता का संचार हो रहा है।
NYCS की मदद से आत्मनिर्भर हुए लोगों में से ऐसी ही एक प्रेरणादायक यात्रा है गुजरात के पाटन के उपाध्याय कृष्णपाल विजयपाल की, जिन्होंने अपने दृढ़ संकल्प और दृष्टिकोण के बल पर एक सफल उद्यम की नींव रखी। कपड़े की दुकान खोलना उनका सपना था ताकि लोगों की अच्छे कपड़ों की जरूरतों को पूरा किया जा सके। अपने सपने को हकीकत में बदलने के लिए उन्होंने एनवाईसीएस की पाटन शाखा से संपर्क किया। उनकी लगन और प्रतिबद्धता को पहचानते हुए एनवाईसीएस ने उन्हें दुकान खोलने के लिए 11 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की। इस वित्तीय सहायता से उन्होंने अपने व्यवसाय की शुरुआत की और धीरे-धीरे उसे एक स्थायी और फलता-फूलता व्यापार बना दिया। आज उनके कपड़े की दुकान न केवल उनकी आजीविका का मुख्य आधार है, बल्कि यह कई और लोगों को रोजगार भी दे रही है।
उपाध्याय कृष्णपाल विजयपाल ने युवा सहकार से कहा, “यह लोन मेरे लिए सिर्फ आर्थिक मदद नहीं थी, यह विश्वास और प्रोत्साहन का प्रतीक था। एनवाईसीएस ने सिर्फ मेरे व्यापारिक विचार का समर्थन नहीं किया, बल्कि मुझ पर विश्वास किया। आज मैं हर महीने 50,000 रुपये से अधिक कमा रहा हूं। मुझे गर्व है कि मेरे साथ शुरू से जुड़े कर्मचारी आज भी मेरी टीम का अभिन्न हिस्सा हैं।” उनकी यह यात्रा न केवल व्यक्तिगत सफलता की कहानी है, बल्कि यह स्थानीय स्तर पर आर्थिक सशक्तीकरण और रोजगार सृजन का भी एक आदर्श उदाहरण है। एनवाईसीएस का उद्देश्य ही ऐसे व्यक्तियों को सशक्त बनाना है जो आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हों।
आकांक्षा से उपलब्धि तक
उपाध्याय कृष्णपाल विजयपाल की तरह ही जन साधारण की आंकाक्षाओं को उपलब्धि में बदलने की कहानी प्रदीप कुमार चंदूलाल लोधा की भी। उन्होंने किराना दुकान के अपने सपने को हकीकत में तब्दील करने का साहस दिखाया। अपने कारोबार का विस्तार करने के लिए उन्होंने एनवाईसीएस की पाटन शाखा से 10 लाख रुपये लोन लिया। इस वित्तीय सहायता के माध्यम से उन्होंने अपनी किराना दुकान का विस्तार किया, वस्तुओं में विविधता लाने और अपने स्टॉक को भी बढाने का काम किया। इससे दुकान पर ग्राहकों की आवाजाही बढ़ गई।
उन्होंने बताया कि लोन मिलने के बाद मैं दुकान में वस्तुओं की विविधता और स्टॉक बढ़ा सका। इसका सीधा असर मेरे ग्राहकों की संख्या और दुकान के टर्नओवर पर पड़ा। यह सिर्फ एक आर्थिक सहायता नहीं थी, बल्कि एक नैतिक समर्थन भी था। मैं एनवाईसीएस का दिल से आभारी हूं, जिन्होंने मुझे आगे बढ़ने का अवसर दिया। आज मैं आर्थिक रूप से सशक्त हूं। उनकी सफलता की कहानी इस बात का प्रमाण है कि समय पर मिला सही मार्गदर्शन और सहयोग किसी की जिंदगी को पूरी तरह से बदल सकता है। एनवाईसीएस ऐसे ही सपनों को पंख देने का संकल्प लिए निरंतर प्रयासरत है। उद्यमशीलता को बढ़ावा देना और आर्थिक रूप से मजबूत समुदायों का निर्माण करना इस युवा सहकारी संस्था की प्रतिबद्धता है।