नाबार्ड (राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक) के चेयरमैन शाजी केवी ने कहा कि देश के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी) का आईटी सिस्टम 30 सितंबर तक पूरी तरह से एकीकृत हो जाएगा। उन्होंने बताया कि हाल ही में ‘एक राज्य, एक आरआरबी’ के सिद्धांत पर देशभर में आरआरबी का विलय किया गया है। यह प्रक्रिया 1 मई से लागू हो चुकी है।
अब देश के 26 राज्यों और 2 केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 28 आरआरबी हैं, जिनकी करीब 22,000 शाखाएं 700 से ज्यादा जिलों में फैली हुई हैं। इस एकीकरण का उद्देश्य संचालन में अधिक पारदर्शिता, लागत में कमी और सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाना है।
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शाजी केवी ने कहा कि मई तक राज्य स्तर पर सभी आरआरबी का एकीकरण पूरा कर लिया गया है और अब आईटी सिस्टम को एकीकृत करने की प्रक्रिया चल रही है।
उन्होंने यह भी बताया कि नाबार्ड अब आरआरबी के साथ मिलकर एक साझा डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कर रहा है, जिससे ग्रामीण इलाकों में बैंकिंग सेवाएं और ज्यादा आसान और तेज़ हो सकेंगी।
इस कदम से छोटे किसानों, ग्रामीण उद्यमियों और ग्राहकों को डिजिटल सेवाओं का लाभ मिलेगा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई मजबूती मिलेगी।