चंडीगढ़ में क्षेत्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (RICM) द्वारा अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के उपलक्ष्य में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस भव्य कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर और हरियाणा के सहकारिता मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। सम्मेलन का मुख्य विषय — “एक विकसित भारत का निर्माण: सहकारिता, किसान सशक्तिकरण और विकास के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं में परिवर्तन” था।
इस अवसर पर “मेरी समिति मेरा पटल” नामक एक डिजिटल पोर्टल का भी शुभारंभ किया गया। यह पोर्टल हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर की सहकारी समितियों को डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा। इसके माध्यम से समितियों का डिजिटलीकरण तेज होगा, कौशल संवर्धन को बढ़ावा मिलेगा और भविष्य के लिए रणनीतिक विकास की दिशा तय होगी।
केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री श्री कृष्ण पाल गुर्जर ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार देशभर में लगभग 8.5 लाख सहकारी समितियों को डिजिटल माध्यम से जोड़ने के लिए ऐतिहासिक कदम उठा रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि आज के डिजिटल युग में सहकारी समितियों को भी तकनीकी नवाचारों का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। साथ ही, उन्होंने सहकारिता के जरिए ग्रामीण भारत के सर्वांगीण विकास की सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया।
हरियाणा के सहकारिता मंत्री श्री अरविंद कुमार शर्मा ने भी अपने विचार रखते हुए कहा कि बहु-राज्यीय सहकारी समितियों के माध्यम से सरकार देश के युवाओं को सशक्त बनाना चाहती है। उन्होंने कहा, “देश के प्रत्येक नागरिक को सहकारिता समितियों के योगदान के बारे में जानकारी होनी चाहिए।”
सम्मेलन में कई सहकारी समितियों, स्वयं सहायता समूहों (SHGs) के सदस्य और किसान बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रीय सहकारी प्रबंधन संस्थान (RICM) ने अग्रि बिजनेस मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स का भी शुभारंभ किया, जिसका उद्देश्य कृषि, सहकारिता और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में शोध और शिक्षा को नई दिशा देना है।
इसके अतिरिक्त, RICM ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट “समवेत” और वर्ष 2025-26 के लिए प्रशिक्षण कैलेंडर भी जारी किया, जिसमें आगामी वर्ष के प्रशिक्षण कार्यक्रमों की रूपरेखा प्रस्तुत की गई है।
सम्मेलन के समापन पर संस्थान के निदेशक डॉ. राजीव कुमार ने सभी गणमान्य अतिथियों, प्रतिभागियों और सहकारी क्षेत्र से जुड़े सभी कर्मियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “यह मंच नवाचारों के मूल्यांकन, विचारों के आदान-प्रदान और अनुभवों से सीखने का बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।” साथ ही, उन्होंने एक मजबूत, आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण के लिए सामूहिक योगदान देने का आह्वान किया।