25 मई से 2 जून तक चलने वाले नौतपा के दौरान सामान्य तौर पर गर्मी का प्रकोप काफी ज्यादा रहता है क्योंकि इस नौ दिन के दौरान धरती पर सूर्य की किरण सीधी पड़ती है। मगर इस साल ऐसा नहीं है और मौसम कूल-कूल है। पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और दक्षिण पश्चिम मानसून के समय से एक हफ्ते पहले दस्तक देने से मौसम में परिवर्तन हो गया है। देश के कई हिस्सों में आंधी और बारिश के चलते नौतपा का प्रभाव कम हो गया है। यह लगातार सातवां वर्ष है जब नौतपा का असर कम है।
मई और जून को सामान्यतः देश के अधिकांश हिस्सों में तीव्र गर्मी और लू के लिए जाना जाता है, किंतु इस वर्ष स्थिति सामान्य से भिन्न रही है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) द्वारा जारी आंकड़ों और विश्लेषण के अनुसार, इस वर्ष मई में न केवल लू के प्रकोप का अभाव रहा है, बल्कि तापमान भी सामान्य से नीचे दर्ज किया गया है। नौतपा जैसी परंपरागत रूप से अत्यंत गर्म मानी जाने वाली अवधि भी इस बार प्रभावहीन रही है। इस वर्ष पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता और समुद्री नमी की अधिकता के कारण तापमान में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो सकी है। इसके परिणामस्वरूप नौतपा इस बार भी लू और अत्यधिक तापमान देने में असफल रहा है।
देश के कई हिस्सों में रिकॉर्ड बारिश
मई में दिल्ली ने 1901 के बाद से सबसे अधिक वर्षा का रिकॉर्ड बनाया है। दिल्ली के सफदरजंग केंद्र पर 186.4 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो जुलाई जैसे मानसूनी माह के बराबर मानी जा रही है। 2008 में दर्ज 165 मिमी की तुलना में यह आंकड़ा कहीं अधिक है। इस वर्षा ने न केवल तापमान को नीचे बनाए रखा है, बल्कि आम नागरिकों को भीषण गर्मी से राहत भी प्रदान की है।
भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले सप्ताह में गरज-चमक के साथ बारिश और तेज़ हवाओं की संभावना जताई है। हालांकि इस अवधि के लिए कोई रंग-कोडित चेतावनी जारी नहीं की गई है, लेकिन विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। आईएमडी ने इस दौरान 50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना व्यक्त की है।
उत्तर भारत में आंधी और बारिश का दौर जारी
पश्चिमी विक्षोभ के चलते बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से आने वाली समुद्री नमी दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में व्यापक वर्षा और ठंडी हवाओं का कारण बन रही है। इससे अधिकतम तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से नीचे बना हुआ है। दिल्ली का तापमान 16 मई को 42.3 डिग्री तक गया था, लेकिन इसके पश्चात गिरावट दर्ज की गई।
दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में भी बारिश का प्रभाव
केरल में दक्षिण पश्चिम मानसून ने दस्तक दे दी है। इसके साथ ही दक्षिण भारत के अन्य हिस्सों, महाराष्ट्र, गुजरात और मराठवाड़ा में तेज गर्जन के साथ बारिश की संभावना है। कोंकण और गोवा क्षेत्र में 30 मई तक भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है। पूर्वोत्तर भारत में भी, विशेषकर असम, मेघालय और मणिपुर के साथ बिहार में 25 से 31 मई के बीच भारी बारिश का पूर्वानुमान है। 28 से 31 मई के दौरान यहां अत्यधिक वर्षा हो सकती है।
जहां आमतौर पर मई में तापमान चरम पर होता है, वहीं इस वर्ष देश के अधिकांश भागों में मौसम ने अप्रत्याशित राहत प्रदान की है। लगातार हो रही बारिश, समुद्री नमी और पश्चिमी विक्षोभों की सक्रियता के चलते इस बार मई की गर्मी उतनी प्रभावी नहीं रही। यदि यही मौसम प्रणाली जून माह में भी बनी रही, तो इस वर्ष लोगों को भीषण गर्मी से काफी हद तक राहत मिल सकती है। आईएमडी ने इस साल मानसून के दौरान सामान्य से अधिक बारिश की संभावना जताई है।