उत्तराखंड में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने के लिए विभिन्न कदम उठाने का फैसला किया गया है। स्टेट कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी की बैठक की अध्यक्षता करते हुए राज्य की मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने सहकारिता विभाग को विभिन्न निर्देश दिए हैं। इसके तहत राज्य के स्थानीय अनाज मंडुआ की तरह झंगौरा के लिए भी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश सहित वोकल फोर लोकल के विजन को प्रोत्साहित करने के लिए एसएसबी तथा सेना के साथ खाद्यान्न, सब्जियों, दूध एवं मीट की आपूर्ति के संबंध में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर आगे बढ़ने के सहकारिता विभाग को निर्देश दिए गए हैं।
मुख्य सचिव ने राज्य के सीमांत जिलों के डीएम को बॉर्डर एरिया में खाली कृषि योग्य भूमि पर मिलेट्स की खेती के विस्तार को प्रोत्साहित करने के भी निर्देश दिए हैं। साथ ही, राज्य के सभी डीएम को 601 बहुद्देशीय प्राथमिक कृषि सहकारी समिति (एमपैक्स)/डेरी/फिशरीज सहकारी समिति के गठन के लक्ष्य को समय पर पूरा करने के भी निर्देश दिए हैं। स्टेट कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी की बैठक में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के मौके पर आयोजित होने विभिन्न आयोजनों एवं कार्यक्रमों पर भी चर्चा की गई।
राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को राज्य भर में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को प्रभावी रूप से मनाए जाने के लिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके आयोजनों से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपदों में इस दौरान आयोजित किए जाने वाले सम्मेलनों, प्रदशर्नी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना, क्रियान्वयन तथा मॉनिटरिंग में जामीनी स्तर पर स्थानीय सहकारिता समितियों की सहभागिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इस बैठक में सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरूषोतम, अपर सचिव सोनिका, मनुज गोयल सहित सहकारिता, वित्त, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी तथा सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।