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UP में मछली पालन और सिंघाड़े की खेती से बढ़ेगा रोजगार, छोटे बांध और तालाब निर्माण को जन आंदोलन बनाने के निर्देश

मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसे 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान ने वृक्षारोपण को जन आंदोलन में बदला, उसी तरह छोटे बांधों और तालाबों का निर्माण भी सामूहिक भागीदारी से होना चाहिए। इससे जल संकट से निपटने के साथ-साथ कृषि, मछली पालन और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

Published: 17:17pm, 09 Oct 2025

उत्तर प्रदेश में बढ़ते जल संकट को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जल संरक्षण के लिए बन रहे छोटे बांधों और तालाबों के निर्माण और पुनरुद्धार को ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की तरह जन आंदोलन में परिवर्तित किया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह जल संरचनाएं देश के लिए अत्यंत आवश्यक हैं और बड़े बांधों की तुलना में ये सस्ते, प्रभावी और भूजल संवर्धन में अधिक सहायक हैं।

मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक में बताया कि वर्तमान में राज्य में 6,448 छोटे बांधों का निर्माण किया जा चुका है, जिससे करीब 1.28 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की क्षमता पैदा हुई है। इसके साथ ही सालाना 10,000 हेक्टेयर मीटर से अधिक भूजल का पुनर्भरण भी सुनिश्चित हो रहा है। 2022-23 से अब तक 1,002 बांधों की सफाई की गई है और 16,610 तालाबों में से 1,343 का पुनर्विकास किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि 2017 से 2025 के बीच 6,192 ब्लास्ट कूप का निर्माण हुआ है, जिससे 18,576 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई संभव हुई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने माटी कुम्हारों को 1 अप्रैल से 15 जून तक तालाबों से मुफ्त मिट्टी लेने की अनुमति देने के निर्देश भी दिए हैं, ताकि मॉनसून से पहले तालाब जल्द तैयार हो सकें। तैयार तालाबों में मछली पालन और सिंघाड़ा की खेती कर रोजगार सृजन को भी बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा, सभी 100 वर्ग मीटर से बड़े भवनों में वर्षा जल संचयन को अनिवार्य किया जाएगा, जिससे शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में जल संरक्षण संभव होगा।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 तक राज्य में 82 अधिक दोहन वाले और 47 गंभीर भूजल क्षेत्र थे, जो निरंतर प्रयासों के कारण 2024 तक क्रमशः 50 और 45 रह गए हैं। उन्होंने कहा कि अगले वर्षों में सभी ऐसे क्षेत्रों को सामान्य श्रेणी में लाने के प्रयास तेज होंगे।

मुख्यमंत्री ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की सफलता का उदाहरण देते हुए कहा कि छोटे बांधों और तालाबों के निर्माण में व्यापक सामूहिक भागीदारी होनी चाहिए। इससे न केवल जल संकट से लड़ाई मजबूत होगी बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था, कृषि और मछली पालन क्षेत्र को भी लाभ पहुंचेगा।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि हर जिले में तालाबों, ब्लास्ट कूप और छोटे बांधों का फोटो दस्तावेजीकरण कराया जाए और सोशल मीडिया तथा स्थानीय प्रतिनिधियों के माध्यम से व्यापक जन जागरूकता अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री योगी ने राज्य सरकार की जल संरक्षण और भूजल संवर्धन में प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा कि सक्रिय जन भागीदारी से उत्तर प्रदेश पूरे देश के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरेगा।

YuvaSahakar Desk

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