केंद्रीय गृह एंव सहकारिता मंत्री अमित शाह ने बताया की केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत अगले पांच वर्षों में देश के प्रत्येक पंचायत और गांव को शामिल करते हुए दो लाख नई PACS, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी।
इस महत्वाकांक्षी विस्तार को डेयरी इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड (DIDF), राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD), पीएम मत्स्य सम्पदा योजना (PMMSY) सहित विभिन्न केंद्र सरकार की योजनाओं के समन्वय से पूरा किया जाएगा। इसमें NABARD, NDDB, NFDB और राज्य सरकारों की भूमिका प्रमुख रहेगी।
सहकारिता मंत्रालय ने PACS को आर्थिक रूप से सक्षम और सेवा आधारित संस्था बनाने के लिए मॉडल उपविधियां तैयार की हैं, जिससे वे 25 से अधिक आर्थिक गतिविधियों जैसे डेयरी, मत्स्य पालन, खाद्यान्न खरीद, उर्वरक वितरण, ईंधन और एलपीजी/सीएनजी बिक्री, लघु और दीर्घकालीन ऋण सेवाएं, सिंचाई, CSC संचालन जैसी सेवाओं में भाग ले सकें।
इन समितियों को डिजिटल बनाने के लिए कंप्यूटरीकरण योजना को भी तेजी से लागू किया जा रहा है। इसका परिवर्तित बजट 2,516 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2,925.39 करोड़ रुपये कर दिया गया है। अब तक 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 73,492 PACS को इस योजना के अंतर्गत मंजूरी दी गई है, जिनमें से 59,920 को ERP प्रणाली में शामिल किया जा चुका है।
नई PACS और सहकारी समितियों की स्थापना को भी सरकार ने प्रोत्साहन दिया है। राष्ट्रीय सहकारी डाटा के अनुसार, योजना शुरू होने के बाद से 22,606 नयी PACS, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियां देशभर में पंजीकृत की गई हैं।
इसके अलावा सरकार ने सहकारी क्षेत्र में दुनिया का सबसे बड़ा विकेंद्रीकृत अनाज भंडारण कार्यक्रम शुरू किया है। इसके अंतर्गत PACS स्तर पर गोदाम, प्रोसेसिंग यूनिट्स, और कृषि उपकरण किराये पर देने वाले केंद्र बनाए जा रहे हैं। पायलट चरण में 11 राज्यों की 11 PACS में निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है।
PACS को अब कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के रूप में भी बदला जा रहा है। वर्तमान में 47,918 PACS ग्रामीण क्षेत्रों में 300 से अधिक ई-सेवाएं जैसे बैंकिंग, बीमा, स्वास्थ्य और उपयोगिता भुगतान प्रदान कर रही हैं। इसके साथ ही 36,592 PACS को प्रधानमंत्री किसान समृद्धि केंद्र (PMKSK) बनाया गया है, जबकि 762 PACS को जनऔषधि केंद्र के रूप में शुरू करने की मंजूरी मिल चुकी है।
सरकार ने PACS को ईंधन रिटेल आउटलेट और एलपीजी वितरण का अधिकार भी दिया है। अब तक 117 PACS को ईंधन रिटेलर बनने की मंजूरी मिली है, जिनमें से 59 चालू हो चुकी हैं। इसके अतिरिक्त, PACS अब सोलर ऊर्जा योजनाओं, जल आपूर्ति प्रणाली प्रबंधन, और किसान उत्पादक संगठन (FPO) स्थापित करने में भी शामिल हो रही हैं।