दिल्ली की सहकारी हाउसिंग और डेयरी समितियों की इमारतें अब सौर ऊर्जा से रोशन होंगी। दिल्ली सरकार ने “पीएम सूर्य घर मुक्त बिजली योजना” के तहत इन समितियों की छतों पर सोलर पैनल लगाने की योजना शुरु की है। इस पहल का उद्देश्य राजधानी में स्वच्छ और सतत ऊर्जा को बढ़ावा देना और बिजली की खपत को पर्यावरण के अनुकूल बनाना है।
इस योजना के तहत समितियाँ न केवल अपनी जरूरत की बिजली खुद उत्पन्न करेंगी, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में भेजकर आर्थिक लाभ भी कमा सकेंगी। राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के अनुसार, दिल्ली में फिलहाल 5944 सहकारी समितियाँ कार्यरत हैं। पहले चरण में एक हाउसिंग और एक डेयरी समिति की इमारतों पर सौर प्रणाली स्थापित की जाएगी। इसमें सभी सहकारी समितियों की सक्रिय रुप से भागीदारी की उम्मीद है।
दिल्ली सरकार ने इस योजना को तेजी से लागू करने के लिए सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को आवश्यक निर्देश दिए है। सभी संबंधित समितियों को सात दिनों के भीतर ऐसी जगह का चुनाव करना होगा, जहां सोलर सिस्टम लगाया जा सके। विशेष रूप से गोदाम के रूप में उपयोग हो रही या उपयुक्त छतों को प्राथमिकता दी जाएगी। चयनित समितियों को अपनी प्रबंध समिति की स्वीकृति लेकर रजिस्ट्रार को ईमेल या पत्र के माध्यम से सूचना देनी होगी। यह निर्णय केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया।
दिल्ली सरकार की इस योजना के अंतर्गत अगर कोई निवासी 3 किलोवाट क्षमता का सोलर सिस्टम लगवाता है तो दिल्ली सरकार को कुल ₹1.08 लाख तक की सब्सिडी मिलेगी। इसके लिए राज्य सरकार ने ₹50 करोड़ का बजट निर्धारित किया है।