मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों के हित में एक बड़ा निर्णय लेते हुए कृषि सिंचाई जलकल की बकाया ब्याज राशि को माफ करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में ‘एकमुश्त समझौता योजना’ को मंजूरी दी गई है, जिससे प्रदेश के लगभग 35 लाख किसानों को राहत मिलेगी।
इस योजना के अंतर्गत किसानों को अब केवल मूलधन जमा करना होगा। सरकार ब्याज और जुर्माना की राशि स्वयं वहन करेगी। यह योजना सहकारी बैंकों एवं जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से कर्ज लेने वाले छोटे और सीमांत किसानों के लिए शुरू की गई है।
मध्यप्रदेश सरकार के इस फैसले से उन किसानों को सीधी राहत मिलेगी जिन पर वर्षों से बकाया ब्याज का बोझ था। लगभग 84.17 करोड़ रुपये की ब्याज एवं अर्थदंड की राशि माफ की गई है। किसान अब मार्च 2026 तक बिना किसी ब्याज के मूलधन जमा कर सकते हैं।
इस योजना का उद्देश्य किसानों को पुराने कर्ज के बोझ से मुक्त कर उन्हें नए कृषि ऋण के लिए योग्य बनाना है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके और वे खेती-किसानी को बढ़ावा दे सकें। सरकार का मानना है कि जब किसान कर्ज से मुक्त होंगे, तो राज्य का कृषि क्षेत्र और ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी सशक्त होगी।
योजना का लाभ लेने के लिए किसान अपने नजदीकी ग्राहक सेवा केंद्र (CSC) पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। यह योजना किसानों के लिए न केवल राहत, बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक बड़ा कदम है।