केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने घोषणा की है कि आगामी सहकारिता-आधारित टैक्सी सेवा, जिसे शुरूआती दिनों में सहकार टैक्सी के रूप में जाना जाता था, को आधिकारिक तौर पर “भारत टैक्सी” नाम दिया गया है और। इस सहकार टैक्सी को दिसंबर 2025 में लॉन्च किया जाएगा।
यह परियोजना नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (NCDC) द्वारा प्रोत्साहित की जा रही है, जिसमें इफको, नाफेड, अमूल, कृभको, एनडीडीबी, एनसीईएल और नाबार्ड जैसी सात प्रमुख सहकारी संस्थाएं भागीदार हैं।
खास बात यह है कि इस सेवा में न तो कंपनियां मनमाना मुनाफा कमाएंगी और न ही यात्रियों को महंगे किराए देने होंगे। सहकार टैक्सी में ड्राइवर और यात्रियों दोनों के लिए तय किराया होगा और इससे प्राप्त मुनाफा ड्राइवरों के बीच बांटा जाएगा।
यह योजना मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव एक्ट के तहत रजिस्टर्ड की गई है ताकि इसका संचालन कई राज्यों में किया जा सके। शुरुआत में लगभग 400 टैक्सी ड्राइवर इससे जुड़ेंगे, और छह महीने की सेवा के बाद उन्हें सहकारी संस्था का सदस्य बनने का अवसर मिलेगा। सदस्यता के लिए वे 100 रुपये मूल्य के 5 शेयर खरीद सकेंगे।
सहकार टैक्सी प्रोजेक्ट को बहु-राज्य सहकारी समिति अधिनियम के तहत रजिस्टर्ड किया गया है। इसकी अथॉराइज्ड कैपिटल 300 करोड़ रुपये रखी गई है, जिसमें शुरुआत 80 करोड़ रुपये की राशि आठ प्रमुख सहकारी संस्थाओं से जुटाई गई है. इनमें NCDC, अमूल (AMUL), नाफेड, नाबार्ड, इफको, कृभको, NDDB और राष्ट्रीय सहकारी निर्यात संस्था शामिल हैं। सभी ने मिलकर प्रति संस्था 10-10 करोड़ रुपये का योगदान देने का वादा किया है।
सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद, भारत टैक्सी के दिसंबर 2025 में सड़कों पर अपनी रफ्तार पकडेगी।