
These pro-growth policies are expected to aid the February repo rate cut and reverse the recent slowdown in India’s real GDP growth.
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने महाराष्ट्र स्थित शंकर राव मोहिते पाटिल सहकारी बैंक लिमिटेड का बैंकिंग लाइसेंस रद्द कर दिया है। यह फैसला 11 अप्रैल, 2025 से प्रभावी हो गया। अब यह बैंक किसी भी प्रकार की बैंकिंग गतिविधि नहीं कर सकेगा।
आरबीआई के अनुसार, बैंक के पास न तो पर्याप्त पूंजी है और न ही आय की संभावनाएं। यह बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के विभिन्न प्रावधानों का पालन नहीं कर पा रहा था। बैंक अधिनियम की धारा 11(1), 22(3)(ए) से लेकर 22(3)(ई) तक के उल्लंघन के कारण यह कदम उठाया गया। लाइसेंस रद्द होने के बाद बैंक अब धारा 5(बी) के अंतर्गत परिभाषित ‘बैंकिंग कार्य’ जैसे जमा स्वीकार करना और उनकी वापसी करना सहित किसी भी बैंकिंग गतिविधि को जारी नहीं रख सकता।
रिजर्व बैंक ने महाराष्ट्र राज्य की सहकारी समितियों से बैंक के परिसमापन (लिक्विडेशन) की प्रक्रिया शुरू करने और एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का अनुरोध किया है। आरबीआई ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए लिया गया है, क्योंकि मौजूदा वित्तीय स्थिति में बैंक उनकी पूरी जमा राशि लौटाने में असमर्थ है।
हालांकि, डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) के तहत प्रत्येक जमाकर्ता को अधिकतम 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि प्राप्त होगी। आरबीआई के अनुसार, 99.72% जमाकर्ता इस पूरी राशि के पात्र हैं। 31 मार्च, 2025 तक DICGC पहले ही 47.89 करोड़ रुपये की बीमित राशि का भुगतान कर चुका है।
इस सख्त कार्रवाई से स्पष्ट है कि भारतीय रिजर्व बैंक वित्तीय प्रणाली की पारदर्शिता, जवाबदेही और जमाकर्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।