संसद का शीतकालीन सत्र शुक्रवार को अनिश्चतकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। यह सत्र 25 नवंबर को शुरू हुआ था। गया है। शीतकालीन सत्र में लोकसभा की कुल 20 और राज्यसभा की 19 बैठकें आयोजित की गईं। दोनों सदनों में कुल मिलाकर लगभग 105 घंटे की कार्यवाही हुई।
सत्र में सरकार ने कुल 16-17 विधेयक सूचीबद्ध किए थे जिसमें लोकसभा में केवल 5 विधेयक प्रस्तुत किए गए। इनमें से 4 को पारित किया गया है। संसद में सबसे चर्चित विधेयक ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ विधेयक रहा। इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया। इस समिति में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 12 सदस्य शामिल किए गए हैं। इसके अतिरिक्त लोकसभा में संविधान पर 15 घंटे 43 मिनट तक गहन चर्चा हुई थी जिसमें कुल 62 सदस्यों ने भाग लिया।
शीतकालीन सत्र की शुरुआत से ही सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तनाव बना रहा। सत्र की शुरुआत अडाणी मुद्दे पर हंगामे से हुई थी। इसके बाद विपक्ष ने किसानों के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया। सत्र में अंबेडकर से जुड़े विषय पर भी तीखी बहस हुई।
गृह मंत्री अमित शाह ने डॉ. भीमराव अंबेडकर पर टिप्पणी करते हुए कहा, “जितना नाम अंबेडकर का जपा जाता है, यदि उतना नाम भगवान के लिए जपा जाए, तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल सकता है।” इस बयान को लेकर विपक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई और संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया।
हंगामे के दौरान स्थिति इतनी बिगड़ गई कि नारेबाजी ने धक्का-मुक्की का रूप ले लिया। इस दौरान दो भाजपा सांसद घायल हो गए। भाजपा ने इसके लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। सत्र के दौरान विवादों और गहमागहमी के बीच संसद का यह शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया।