केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) वर्ष 2025 से कोई भी भर्ती परीक्षा आयोजित नही करेगी। एजेंसी केवल उच्च शिक्षा की प्रवेश परीक्षाओं पर ध्यान केंद्रित करेगी। इसके लिए 2025 में एनटीए का पुनर्गठन और कामकाज में बदलाव किया जाएगा।
नीट के पेपर लीक होने और अनियमितताओं के कारण कई परीक्षाओं को रद्द किये जाने के बाद इस वर्ष की शुरुआत में गठित उच्चस्तरीय समिति ने परीक्षा सुधारों के लिए सुझाव दिये थे। इसरो के पूर्व अध्यक्ष डा. राधाकृष्णन की अगुआई में गठित उच्च अधिकार प्राप्त समिति ने यह सुझाव दिए थे। समिति ने अपनी यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को अक्टूबर 2024 में सौंपी थी। शिक्षा मंत्री ने बताया कि समिति की सिफारिश पर काम शुरू कर दिया गया है। जो अहम कदम उठाए गए हैं, उनके तहत परीक्षा केंद्रों के चयन की प्रक्रिया बदली गई है। किसी भी जिले में परीक्षा केंद्र अब बगैर डीएम-एसपी की सहमति के नहीं बनेंगे। इन परीक्षाओं को साइबर खतरें से बचाने के लिए राज्यों की साइबर एजेंसियों की भी मदद ली जाएगी। गौरतलब हेै कि एनटीए अब तक प्रवेश परीक्षाओं के साथ अलग-अलग विभागों की भर्ती परीक्षाएं भी आयोजित करती थी। सुधार पहल में इसे केवल प्रवेश परीक्षाओं पर ही फोकस करने को कहा गया है। प्रधान ने कहा कि एनटीए केवल उच्च शिक्षा के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित करने तक सीमित रहेगी।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि नीट-यूजी का आयोजन ‘पेन और पेपर मोड’ या फिर ऑनलाइन करने के संबंध में जल्द फैसला होने की उम्मीद है। साथ ही उन्होंने कहा कि स्वास्थय मंत्री जेपी नड्डा के नेतृत्व में दो दौर की बातचीत हुई है। जो भी विकल्प सबसे उपयुक्त माना जाएगा, एनटीए उसे स्वीकार करने के लिए तैयार है।