अगर आप भी अपने घर या ऑफिस में गर्मी के दिनों में ठंडक का मजा लेने के लिए एयरकंडीशनर (एसी) का तापमान 20 डिग्री से कम रखते हैं, तो जल्द ही आप ऐसा नहीं कर पाएंगे। सरकार बिजली की खपत को नियंत्रित करने के लिए ऐसे मानक बनाने की योजना बना रही है जिसमें 20 डिग्री से नीचे के तापमान पर आप एसी चला ही नहीं पाएंगे। सब कुछ ठीक रहा तो आने वाले समय में नए बनने वाले सभी एसी में 20 डिग्री से नीचे चलाने का विकल्प ही उपलब्ध नहीं होगा। इसके लिए जल्द ही एसी बनाने वाली कंपनियों को इस आशय का निर्देश दिया जा सकता है।
यह कदम उठाने के पीछे सरकार की मंशा देश में बिजली की खपत को नियंत्रित करने की है। केंद्रीय ऊर्जा व शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुताबिक, देश में इस समय करीब 10 करोड़ एयर कंडीशनर हैं और हर साल 1.5 करोड़ नए AC जुड़ जाते हैं। अगर हर कोई तापमान जरूरत से ज्यादा कम कर दे, तो बिजली की मांग बढ़ जाती है और पूरे सिस्टम पर दबाव पड़ता है। मंत्रालय के मुताबिक, AC का तापमान अगर सिर्फ 1 डिग्री कम किया जाए, तो बिजली की खपत में करीब 6% तक की बढ़ोतरी हो जाती है।
खट्टर ने यह भी बताया कि भारत की कुल स्थापित विद्युत क्षमता 2014 में 249 गीगावॉट थी, जो अब 472.5 गीगावॉट तक पहुंच चुकी है। इसी साल 9 जून को देश में बिजली की सबसे ज्यादा मांग 241 गीगावॉट दर्ज की गई थी। सरकार अब 270 गीगावॉट तक की मांग को पूरा करने के लिए तैयार है। 2024-25 में सरकार ने सबसे ज्यादा 34 गीगावॉट की बिजली क्षमता स्थापित की है जिसमें 29.5 गीगावॉट की क्षमता रिन्यूबल एनर्जी में स्थापित की गई है।
ऊर्जा की जरूरतों को देखते हुए सरकार बैटरी स्टोरेज क्षमता भी स्थापित करना चाहती है। इस दिशा में 13.2 GWh की परियोजनाएं पहले ही स्वीकृत की जा चुकी हैं। अब सरकार 5,400 करोड़ रुपये की VGF सहायता से 30 नई परियोजनाएं शुरू करने जा रही है, जिनसे कुल 33,000 करोड़ रुपये का निवेश आने की उम्मीद है।