केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने नई दिल्ली में राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड अगले पांच साल में हल्दी का उत्पादन दोगुना कर 20 लाख टन तक पहुंचाने में मदद करेगा। साथ ही, हल्दी के निर्यात को बढ़ाने और अंतरराष्ट्रीय बाजार में नए अवसर तलाशने के लिए भी प्रयास किए जाएंगे।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना का स्वागत करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि यह नवाचार, वैश्विक संवर्धन और हल्दी के उत्पादन में गुणवक्ता सुनिश्चित करेगा। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल द्वारा सोशल मीडिया पर डाले गए पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए पीएम मोदी ने कहा, “राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना बहुत प्रसन्नता की बात है, विशेष रूप से भारत भर में हमारे मेहनती हल्दी किसानों के लिए! इससे हल्दी उत्पादन में नवाचार, वैश्विक संवर्धन और गुणवक्ता के बेहतर अवसर सुनिश्चित होंगे। यह आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेगा, जिससे किसान और उपभोक्ता दोनों समान रूप से लाभान्वित होंगे।”
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड का मुख्यालय निजामाबाद में स्थापित किया गया है। पल्ले गंगा रेड्डी को बोर्ड का पहला अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। पीयूष गोयल ने हल्दी बोर्ड के गठन को एक शुभ दिन बताते हुए कहा कि यह बोर्ड हल्दी किसानों के जीवन को बेहतर बनाने में मदद करेगा। उन्होंने कहा कि हल्दी को ‘गोल्डन स्पाइस’ कहा जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार किसानों की आय बढ़ाने और हल्दी के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए प्रतिबद्ध है। हल्दी बोर्ड महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, मेघालय सहित 20 राज्यों में हल्दी किसानों के कल्याण पर विशेष ध्यान देगा। आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को हल्दी उत्पादन के लिए खास क्षेत्र बताते हुए उन्होंने कहा कि इन राज्यों में उत्पादन बढ़ाने की काफी संभावनाएं हैं।
भारत दुनिया का सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक और निर्यातक
भारत दुनिया का सबसे बड़ा हल्दी उत्पादक, उपभोक्ता और निर्यातक है। भारत की वैश्विक व्यापार में हिस्सेदारी 62% से ज्यादा है। वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 22.65 करोड़ डॉलर मूल्य की 1.62 लाख टन हल्दी और हल्दी से बने उत्पादों का निर्यात किया है। गोयल ने उम्मीद जताई कि राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड के प्रयासों से हल्दी किसानों की आय और रोजगार में वृद्धि होगी और भारत का हल्दी उत्पादन एवं निर्यात नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा।