पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस सांसद चरणजीत सिंह चन्नी की अध्यक्षता वाली कृषि, पशुपालन और खाद्य प्रसंस्करण संबंधी संसदीय समिति ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी गारंटी देने और किसानों की कर्जमाफी की सिफारिश की है। साथ ही, पीएम किसान सम्मान की राशि को दोगुनी करने का सुझाव दिया है। संसद की स्थायी समिति की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है जब एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर हरियाणा-पंजाब बॉर्डर पर किसान कई महीनों से आंदोलन कर रहे हैं। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने भी किसानों की स्थिति सुधारने के लिए एमएसपी गारंटी कानून बनाने पर विचार करने का सुझाव दिया था।
स्थायी समिति की संसद में पेश की गई रिपोर्ट में एमएसपी की कानूनी गारंटी से होने वाले संभावित फायदों के बारे में बताया गया है। समिति ने तर्क दिया है कि इस तरह के उपाय से किसानों की आत्महत्या में काफी कमी आ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है, “समिति दृढ़ता से अनुशंसा करती है कि कृषि और किसान कल्याण विभाग जल्द से जल्द कानूनी गारंटी के रूप में एमएसपी को लागू करने के लिए एक रोडमैप घोषित करे। कानूनी रूप से बाध्यकारी एमएसपी न केवल किसानों की आजीविका बल्कि ग्रामीण आर्थिक विकास को भी बढ़ावा देगा।”
फिलहाल सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) की सिफारिशों पर 23 कृषि उपजों के लिए एमएसपी तय करती है। हालांकि इनमें से खरीद गेहूं, धान व कुछ गिनी-चुनी फसलों की ही होती है। एमएसपी पर खरीद कानूनी रूप से बाध्यकारी नहीं होने से कीमत एमएसपी से नीचे चले जाने पर किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इसलिए किसान एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। 2020-21 में किसान आंदोलन के चलते तीन विवादित कृषि कानूनों को निरस्त करते हुए केंद्र सरकार ने एमएसपी के मुद्दे पर विचार करने का वादा किया था, लेकिन इस मामले पर बनी समिति की रिपोर्ट आज तक नहीं आई है।
अहम सिफारिशें
संसदीय समिति ने किसानों की आत्महत्याएं रोकने के लिए एक मजबूत एमएसपी प्रणाली को लागू करने, फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए किसानों को मुआवजा देने, खेतिहर मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी के लिए राष्ट्रीय आयोग गठित करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए ऋण माफी और कृषि मंत्रालय का नाम बदलकर इसमें खेत मजदूरों को शामिल करने सहित कई सिफारिशें की हैं। इनमें पीएम किसान सम्मान की धनराशि को सालाना 6 हजार रुपये से बढ़ाकर 12 हजार रुपये करने का सुझाव भी शामिल है।