कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी ताजा आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2025-26 में खरीफ फसलों की कुल बुवाई का रकबा बढ़कर 1121.46 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है। यह पिछले वर्ष यानि की 2024-25 के 1114.95 लाख हेक्टेयर की तुलना में 6.51 लाख हेक्टेयर अधिक है।
मोटे अनाज और धान में मजबूत प्रदर्शन
इस वर्ष खरीफ सीजन में मोटे अनाज की खेती में 11.13 लाख हेक्टेयर की उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। अब इसका क्षेत्रफल 194.67 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है।
इसी तरह धान की बुवाई का क्षेत्र भी बढ़कर 441.58 लाख हेक्टेयर हो गया, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.90 लाख हेक्टेयर अधिक है।
दालों और गन्ने के क्षेत्र में भी बढ़ोतरी
दलहन फसलों का क्षेत्र बढ़कर 120.41 लाख हेक्टेयर हुआ है, जो पिछले वर्ष से 1.37 लाख हेक्टेयर अधिक है। विशेष रूप से उड़द दाल की बुवाई में 1.50 लाख हेक्टेयर की वृद्धि देखी गई है।
इसके अलावा गन्ना फसल का क्षेत्रफल 59.07 लाख हेक्टेयर तक पहुँच गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 1.86 लाख हेक्टेयर की वृद्धि दर्शाता है।
तिलहन और कपास में गिरावट
जहाँ एक ओर कुछ फसलों में बुवाई बढ़ी है, वहीं तिलहन फसलों का क्षेत्रफल घटकर 190.13 लाख हेक्टेयर रह गया है जो 10.62 लाख हेक्टेयर की कमी है।
कपास की खेती में भी गिरावट दर्ज की गई है- इसका क्षेत्र 110.03 लाख हेक्टेयर रहा, जो पिछले वर्ष से 2.94 लाख हेक्टेयर कम है।
ये आंकड़े दर्शाते है कि इस वर्ष कृषि क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन हुआ है। जो कि कृषि क्षेत्र की मजबूती और वृद्धि को दिखाता है।