देश के रोजगार बाजार में सुधार होता दिख रहा है। संगठित क्षेत्र की नौकरियों में नवंबर 2024 में 4.88 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। इस महीने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में शुद्ध रूप से 14.6 लाख कर्मचारियों का नामांकन किया गया। पिछले साल इसी महीने यह आंकड़ा 13.9 लाख था। हालांकि, अक्टूबर 2024 के मुकाबले यह 9.07 प्रतिशत ज्यादा है। त्योहारी महीना होने के बावजूद अक्टूबर में सिर्फ 13.4 लाख नौकरियों का सृजन हुआ था जो पांच महीने में सबसे कम था।
श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा जारी ईपीएफओ के प्रोविजनल पेरोल डेटा के अनुसार, ईपीएफओ ने नवंबर 2024 में लगभग 8.74 लाख नए सदस्यों का पंजीकरण किया है। इनमें 54.97 प्रतिशत नए सदस्य यानी 4.81 कर्मचारी 18-25 वर्ष की उम्र के हैं। इस आंकड़े से पता चलता है कि संगठित कार्यबल में शामिल होने वाले अधिकांश व्यक्ति मुख्य रूप से पहली बार नौकरी पाने वाले युवा हैं। बाकी कर्मचारियों ने नौकरी बदली है और अपने ईपीएफ खाते को ट्रांसफर कराया है। इन सदस्यों ने अपनी नौकरी बदली और ईपीएफओ के दायरे में आने वाले प्रतिष्ठानों में फिर से शामिल हो गए और अंतिम निपटान के लिए आवेदन करने की बजाय अपने फंड को स्थानांतरित करने का विकल्प चुना।
नए सदस्यों की संख्या में अक्टूबर 2024 की तुलना में 16.58 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। जबकि नवंबर 2023 की तुलना में 18.80 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। ईपीएफओ ने कहा है कि नई सदस्यता में इस उछाल का श्रेय रोजगार के बढ़ते अवसरों, कर्मचारी लाभों के बारे में बढ़ती जागरूकता और ईपीएफओ के सफल आउटरीच कार्यक्रमों को दिया जा सकता है। आंकड़ों के अनुसार, ईपीएफओ में अप्रैल 2024 में 12.8 लाख, मई में 13.5 लाख, जून में 13.9 लाख, जुलाई में 16.1 लाख, अगस्त में 15.8 लाख और सितंबर में 18.8 लाख सदस्य शुद्ध रूप से शामिल हुए।