प्रयागराज महाकुंभ में लोग केवल आस्था की डुबकी लगाने ही नहीं आ रहे, बल्कि देशभर के उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी यहां इंटर्नशिप करने भी आ रहे हैं। इस इंटर्नशिप के दौरान छात्र-छात्राएं आयोजन की समग्र व्यवस्था, पर्यावरणीय संरक्षण, भीड़ प्रबंधन, सुरक्षा प्रबंधन और सांस्कृतिक गतिविधियों के संचालन जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं का अवलोकन कर रहे हैं। सरकार के विभिन्न विभाग और प्रशासनिक इकाइयां विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दे रही हैं।
इस इंटर्नशिप कार्यक्रम की शुरुआत महाकुंभ की समरसता, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यावरणीय महत्व को समझने के उद्देश्य से आयोजित किया गया है। सोमवार को महाकुंभ नगर में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत हुई। यह कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल भारतीय संस्कृति और पर्यावरणीय स्थिरता के महत्व को समझने का अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि उनके शैक्षणिक और पेशेवर कौशल को भी बढ़ा रहा है। इस तरह के प्रयास भविष्य में भी युवाओं को जागरूक और सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होंगे।
सरकार के प्रयासों से महाकुंभ नगरी में स्थापित किए गए इंटर्नशिप केंद्रों पर विद्यार्थी प्रबंधन के कौशल सीखने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी करीब से समझने का प्रयास कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में देश के अलग-अलग संस्थानों के छात्र-छात्राएं शामिल हुए हैं। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, काशी हिंदू विश्वविद्यालय, महात्मा गांधी चित्रकुट ग्रामोदय विश्वविद्यालय और लॉयड लॉ कॉलेज के विद्यार्थी शामिल हैं।
युवाओं को मिल रहा व्यावहारिक ज्ञान
महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में भाग लेने के माध्यम से विद्यार्थियों को प्रबंधन के व्यावहारिक गुर सिखाए जा रहे हैं। इसमें भीड़ प्रबंधन, आपातकालीन स्थितियों से निपटने की रणनीतियां, तकनीकी सहायता का उपयोग और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का समुचित आयोजन शामिल है। विद्यार्थियों को विभिन्न विभागों और प्रशासनिक इकाइयों के साथ मिलकर कार्य करने का अनुभव हो रहा है। कार्यक्रम के तहत छात्र-छात्राओं को यह सिखाया जा रहा है कि धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों के दौरान पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं। जल संरक्षण, अपशिष्ट प्रबंधन और हरित उपायों के महत्व को समझाने के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है। महाकुंभ क्षेत्र में गंगा और उसकी सहायक नदियों की निर्मलता बनाए रखने के लिए किए जा रहे प्रयासों को विद्यार्थी नजदीक से देख रहे हैं।
महाकुंभ आयोजन समिति के एक अधिकारी ने कहा, “इंटर्नशिप कार्यक्रम न केवल युवाओं को महाकुंभ के महत्व को समझने का अवसर प्रदान कर रहा है, बल्कि उन्हें भारत की प्राचीन संस्कृति और परंपराओं से भी जोड़ रहा है। हमारा उद्देश्य है कि ये युवा महाकुंभ की भव्यता और समरसता को आत्मसात करें और इसे अन्य लोगों तक पहुंचाएं।” इंटर्नशिप कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थी विभिन्न शोध परियोजनाओं पर भी काम करेंगे ताकि उनके अनुभवों और सुझावों का उपयोग भविष्य में ऐसे आयोजनों की योजना बनाने में किया जाए।