
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में निजी खपत भारत की वृद्धि को मजबूती देगी और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में सहायक होगी।
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने अपनी ताज़ा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक (WEO) रिपोर्ट में भारत की आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित किया है। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था 6.2% की दर से बढ़ेगी, जो जनवरी 2025 के 6.5% के अनुमान से 0.3% कम है।
IMF ने यह संशोधन वैश्विक अनिश्चितताओं और बढ़ते व्यापार तनावों के कारण किया गया है। हालांकि, भारत की विकास दर अपेक्षाकृत स्थिर रहेगी, जिसे ग्रामीण क्षेत्रों में निजी खपत का मजबूत समर्थन मिलेगा। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत ने 6.5% की वृद्धि हासिल की थी।
इसके साथ ही आईएमएफ ने 2025 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 2.8% रहने का अनुमान लगाया है, जो पहले के 3.3% के अनुमान से 0.5% कम है। 2026 में यह दर 3% रहने की उम्मीद है। विकसित अर्थव्यवस्थाओं की वृद्धि दर 2024 के 1.8% से घटकर 2025 में 1.4% और 2026 में 1.5% रहने का अनुमान है।
चीन की जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान भी 2025 के लिए 4.6% से घटाकर 4.0% कर दिया गया है। आईएमएफ का मानना है कि वैश्विक आर्थिक चुनौतियों के बावजूद भारत की स्थिर विकास दर इसे उभरती अर्थव्यवस्थाओं में अग्रणी बनाए रखेगी। ग्रामीण खपत और घरेलू मांग भारत की आर्थिक स्थिरता के प्रमुख आधार बने रहेंगे।