
These pro-growth policies are expected to aid the February repo rate cut and reverse the recent slowdown in India’s real GDP growth.
बैंकिंग लाइसेंस की शर्तों एवं अन्य नियमों का उल्लंघन करने वाले सहकारी बैंकों पर भारतीय रिजर्व बैंक का शिकंजा कसता जा रहा है। आरबीआई ने हाल ही में ऐसे 8 सहकारी बैंकों पर भारी भरकम जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि 50 हजार रुपये से लेकर 25 लाख रुपये तक है। इससे पहले मार्च में ही 9 शहरी सहकारी बैंकों पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। सहकारी बैंकों की जवाबदेही तय करने और उनकी पारदर्शिता बढ़ाने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
आरबीआई के 27 मार्च के आदेश में आठ सहकारी बैंकों पर जुर्माना लगाने की जानकारी दी गई है। ताजा आदेश में जिन बैंकों पर जुर्माना लगाया गया है उनमें कांगड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक, जालंधर के सिटिजन अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, संतरामपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक, पोरबंदर कमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक, वेल्लोर कोऑपरेटिव टाउन बैंक, मैसूर और चामराजनगर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, साउथ कन्नड़ जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और कोडुंगलूर टाउन कोऑपरेटिव बैंक का नाम शामिल हैं।
कांगड़ा सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड पर बैंकिंग लाइसेंस की शर्तों के उल्लंघन के लिए सबसे ज्यादा 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है, जबकि सिटिजन अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड सुपरवाइजरी एक्शन फ्रेमवर्क के तहत दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने पर 15 लाख रुपये का जुर्माना लगा है। संतरामपुर अर्बन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को ‘सहकारी बैंक – जमा पर ब्याज दर’ और ‘नो योर कस्टमर (केवाईसी)’ से संबंधित आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने पर 1 लाख रुपये का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है।
पोरबंदर कमर्शियल कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड और वेल्लोर कोऑपरेटिव टाउन बैंक लिमिटेड को केवाईसी नियमों के उल्लंघन पर 50 हजार रुपये का जुर्माना भरना होगा। मैसूर और चामराजनगर जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड को बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट, 1949 की धारा 20 और 56 के उल्लंघन का दोषी पाया गया है। इसके लिए इन पर 1 लाख रुपये का दंड लगाया गया है। साउथ कन्नड़ जिला केंद्रीय सहकारी बैंक लिमिटेड पर इसी अधिनियम के तहत नियमों के उल्लंघन पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।
केरल स्थित कोडुंगलूर टाउन कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड को ‘ऋण प्रबंधन– अर्बन कोऑपरेटिव बैंक’, ‘आय मान्यता, परिसंपत्ति वर्गीकरण, प्रावधान और अन्य संबंधित मामले– यूसीबी’ तथा ‘जमा पर ब्याज दर’ संबंधी दिशानिर्देशों के उल्लंघन पर 1 लाख रुपये का जुर्माना देना होगा।