केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने जम्मू-कश्मीर में शीतकालीन खेलों को बढ़ावा देने के लिए गुलमर्ग को उत्कृष्टता केंद्र में बदलने की घोषणा की। गुलमर्ग गोल्फ क्लब में पांचवें खेलो इंडिया शीतकालीन खेल के समापन समारोह में उन्होंने यह घोषणा की। इससे यहां न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के मौके भी बढ़ेंगे।
केंद्रीय मंत्री ने समापन समारोह में कहा कि गुलमर्ग केवल फूलों के मैदान के रूप में ही विख्यात नहीं है, बल्कि अब इसे भारत के शीतकालीन खेलों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। मैंने कई देशों और स्कीइंग स्थलों का दौरा किया है, लेकिन मैं आपको बता सकता हूं कि गुलमर्ग उनसे कहीं ज्यादा बेहतर है, कहीं ज्यादा सुंदर है और दुनिया के सबसे अच्छे पर्यटन और स्कीइंग स्थलों में से एक है। हमें बस इस गंतव्य को और बेहतर बनाने के लिए अवसरों का उपयोग करना है।
डॉ. मांडविया ने कहा, “भारत में अपार प्रतिभाएं मौजूद हैं। हमें 9 से 24 वर्ष की आयु के बच्चों को तलाश कर उनको तैयार करना है। ऐसा करने के लिए हमें प्रत्येक जिले में एक स्पोर्ट्स स्कूल बनाना होगा, जहां नवोदित प्रतिभाओं की तलाश की जाएगी और फिर उन्हें देश भर के राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्रों में प्रशिक्षित किया जाएगा। हम सुनिश्चित करेंगे कि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम हों। इन युवाओं को हर तरह का सहयोग मिलेगा।”
उन्होंने कहा, “पूरे देश में खेलों का विकास करना भारत सरकार का दायित्व है। जम्मू-कश्मीर में खेलों के स्तर को ऊंचा उठाने का सरकार हरसंभव प्रयास करेगी। जम्मू-कश्मीर के युवाओं को खेलों में उत्कृष्टता हासिल करने के लिए बेहतरीन अवसर और बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने के लिए गुलमर्ग में शीतकालीन खेलों के लिए एक खेल केंद्र बनाने की योजना बना रहे हैं।”
डॉ. मांडविया ने कहा कि उन्होंने 2036 के ओलंपिक की मेजबानी के लिए उचित रोडमैप तैयार करने हेतु 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के खेल मंत्रियों और राष्ट्रीय खेल महासंघों के वरिष्ठ सदस्यों से मुलाकात की है। उन्होंने कहा, “इस बात को ध्यान में रखते हुए कि हम 2036 के ओलंपिक खेलों की मेज़बानी करना चाहते हैं। हमें खेलों का एक मजबूत बुनियादी ढांचा और गुणवत्तापूर्ण खेल इकोसिस्टम तैयार करना होगा। इसके लिए हमें एक उचित रोडमैप बनाना होगा। इसके लिए हमने पिछले हफ़्ते हैदराबाद में खेल मंत्रियों, राष्ट्रीय खेल महासंघों के वरिष्ठ प्रतिनिधियों, जाने-माने एथलीटों और खेल विशेषज्ञों के साथ तीन दिवसीय विचार-मंथन सत्र आयोजित किया। हमने सभी हितधारकों से प्राप्त इनपुट के आधार पर अगले 10 वर्षों के लिए एक रोडमैप बनाया है।”
भारतीय सेना ने खेलो इंडिया शीतकालीन खेल 2025 की चैंपियन ट्रॉफी अपने नाम की। डॉ. मांडविया ने भारतीय सेना को चैंपियन ट्रॉफी सौंपी, जिसने 7 स्वर्ण, 5 रजत और 6 कांस्य सहित 18 पदक जीते और अपना खिताब बरकरार रखा। हिमाचल प्रदेश को 6 स्वर्ण, 5 रजत और 7 कांस्य पदकों के साथ दूसरे स्थान पर संतोष करना पड़ा। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख 4 स्वर्ण, 2 रजत और 1 कांस्य सहित 7 पदकों के साथ तीसरे स्थान पर रहा। समापन समारोह में जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री फारूख अबदुल्ला भी शामिल हुए।