चालू चीनी सीजन 2024-25 में उत्पादन घटने के अनुमानों के बीच सरकार ने एक वर्ष बाद 10 लाख टन निर्यात की मंजूरी दे दी है। इससे न सिर्फ चीनी मिलों को राहत मिलेगी, बल्कि करोड़ों किसानों को इसका फायदा मिलेगा और उन्हें समय पर गन्ना भुगतान किया जा सकेगा। उत्पादन घटने के चलते ही चीनी सीजन 2023-24 में निर्यात पर रोक लगा दी गई था ताकि घरेलू कीमतों को नियंत्रित और आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके। निर्यात की मंजूरी देने की खबर के बाद से चीनी के घरेलू दाम में 200 रुपये प्रति क्विंटल तक की तेजी आ गई है।
केंद्रीय खाद्य, उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस फैसले की जानकारी देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने 10 लाख टन चीनी निर्यात को मंजूरी दी है। इस चीनी का निर्यात चालू सीजन 2024-25 के दौरान किया जा सकेगा। इससे चीनी के दाम में स्थिरता सुनिश्चित होगी। साथ ही, देश के 5 करोड़ किसान परिवारों और 5 लाख श्रमिकों को लाभ होगा। इसके अलावा, चीनी उद्योग भी मजबूत होगा।
केंद्र सरकार ने चीनी सीजन 2023-24 में चीनी की घरेलू आपूर्ति संबंधी चिंताओं को देखते हुए निर्यात पर पूर्ण पाबंदी लगा दी थी। चीनी उद्योग की तरफ से काफी समय से निर्यात खोलने की मांग की जा रही थी। उद्योग का कहना था कि चालू चीनी सीजन में उत्पादन घटने के अनुमानों के बावजूद पिछले सीजन का सरप्लस स्टॉक है जिससे घरेलू आपूर्ति में दिक्कत नहीं आएगी। यह अनुमति मिलने से चीनी मिलें अपने सरप्लस स्टॉक का निर्यात कर राजस्व जुटा सकेंगी।
खाद्य मंत्रालय ने चीनी मिलों को उनके तीन साल के औसत उत्पादन का 3.174% का एक समान निर्यात कोटा आवंटित किया है। आवंटित मात्रा में सभी ग्रेड की चीनी का निर्यात 30 सितंबर, 2025 तक किया जा सकेगा। चीनी मिलों को 31 मार्च, 2025 तक चीनी का कोटा सरेंडर करने या निर्यात कोटा को घरेलू मासिक रिलीज मात्रा के साथ बदलने का विकल्प भी दिया गया है।
चीनी उद्योग के शीर्ष संगठन इंडियन शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (इस्मा) के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने सरकार के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे चीनी मिलों को राहत मिली है। इससे मिलों को राजस्व जुटाने और किसानों को समय पर गन्ना भुगतान करने में मदद मिलेगी।”
चालू पेराई सीजन 2024-25 में देश का चीनी उत्पादन घटकर 270 लाख टन रहने का अनुमान जताया जा रहा है जो 2023-24 में 320 लाख टन रहा था। 15 जनवरी तक कुल चीनी उत्पादन 130 लाख टन रहा है जो पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 13.66 प्रतिशत कम है। गन्ने की फसल पर रोगों और मौसम की मार के चलते चालू सीजन में चीनी रिकवरी घटी है जिससे उत्पादन घटने का अनुमान है। देश के कुल चीनी उत्पादन में करीब 30 फीसदी हिस्सेदारी सहकारी चीनी मिलों की है।