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एमपी में पीपीपी मॉडल पर विकसित होगी सहकारिता, इन्वेस्टर्स समिट में हुए 19 एमओयू, सांची दुग्ध संघ और एनडीडीबी में भी करार

मध्य प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र को विकसित करने के लिए अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (पीपीपी) को अपनाया जाएगा। इसके लिए पिछले दिनों भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में 2305 करोड़ रुपये के 19 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें रिलायंस और वैद्यनाथ जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं जो अब सहकारिता क्षेत्र में कदम रख रही है।

Published: 12:03pm, 27 Feb 2025

मध्य प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र को विकसित करने के लिए अब पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (पीपीपी) को अपनाया जाएगा। इसके लिए पिछले दिनों भोपाल में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 में 2305 करोड़ रुपये के 19 समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें रिलायंस और वैद्यनाथ जैसी बड़ी कंपनियां भी शामिल हैं जो अब सहकारिता क्षेत्र में कदम रख रही है। इसके अलावा, राज्य के छह सांची दुग्ध संघ को आधुनिक बनाने, मुनाफे में लाने और नए प्लांट लगाने के लिए राष्ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) से करार हुआ। इन कदमों से राज्य के किसानों की न सिर्फ आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी, बल्कि सहकारिता आंदोलन को भी मजबूती मिलेगी।

मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री विश्वास कैलाश सारंग के मुताबिक, राज्य का सीपीपीपी (कोऑपरेटिव पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल देश की सहकारिता को बदलने का काम करेगा। इसके तहत कुल 2305 करोड़ रुपये के 19 एमओयू किए गए हैं। सहकारिता विभाग में निवेश विंग की स्थापना भी की जा रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पहली बार सहकारिता पर एक विशेष सत्र रखा गया। इस सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि व्यवसाय में सहकारिता को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार पूरा सहयोग देगी। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय में संयुक्त सचिव सिद्धार्थ जैन के मुताबिक, मध्य प्रदेश के सीपीपीपी मॉडल को केंद्र सरकार की ओर से पूरा सहयोग कर आगे बढ़ाया जाएगा।

बीबीएसएसएल से समझौता

इस दौरान मध्य प्रदेश राज्य सहकारी बीज उत्पादक एवं विपणन संघ मर्यादित और राष्ट्रीय स्तर की मल्टी स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटी भारतीय बीज सहकारी समिति लिमिटेड (बीबीएसएसएल) के बीच भी एमओयू हुआ। इस एमओयू के माध्यम से किसानों को उचित मूल्य पर उन्नत बीज उपलब्ध कराने तथा सहकारी समितियों के सशक्तिकरण की दिशा में सफलता मिलेगी। दलहन व तिलहन फसलों के साथ-साथ पारंपरिक बीज उत्पादन व बिक्री को बढ़ावा दिया जाएगा।

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सांची और एनडीडीबी में करार
राज्य के छह सांची दुग्ध संघ का संचालन करने के लिए एनडीडीबी से करार हुआ है। सांची और एनडीडीबी के बीच 7 प्रमुख बिंदुओं पर अनुबंध हुआ है। इसमें सहकारी समितियों को मजबूत बनाने के साथ इससे जुड़े लोगों को एनडीडीबी प्रशिक्षण देगा। एनडीडीबी ही सांची के सभी दुग्ध संघों के प्लांट को अपग्रेड करेगा और दुग्ध उत्पादों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देगा। दुग्ध संघों के क्षेत्र में उपयुक्त विपणन प्रणाली लागू की जाएगी। ग्वालियर और जबलपुर दुग्ध संघ का उन्नयन और रीवा-शहडोल में नए प्लांट लगाए जाएंगे। इसके साथ ही पड़ोसी राज्यों में भी सांची की ब्रांड बिल्डिंग मजबूत की जाएगी।

सांची दुग्ध संघ के एमडी सतीश कुमार सिंह के मुताबिक, एनडीडीबी न तो दुग्ध संघों को अपने आधिपत्य में लेगा और न ही ब्रांड सांची के नाम में बदलाव करेगा। एनडीडीबी के कमान संभालने के बाद कच्चे दूध की प्रोसेसिंग करने, दूध पाउडर और अन्य उत्पाद बनाने के लिए अत्याधुनिक प्रोसेसिंग प्लांट स्थापति किया जाएगा। इससे अगले पांच साल में उत्पादन दोगुना हो जाएगा। उत्पादन बढ़ाने, प्लांटों को अत्याधुनिक बनाने, कर्ज से उबार कर मुनाफे में लाने के बाद एनडीडीबी वापस सांची दुग्ध संघ को संचालन सौंप देगा।

YuvaSahakar Team

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