अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के दौरान देश के विभिन्न राज्यों में सहकारिता से जुड़ी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सहकारिता मंत्रालय ने सर्वोच्च सहकारी संगठनों के साथ मिलकर रूपरेखा तैयार कर ली है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2025 को अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष घोषित करने के बाद से ही मंत्रालय ने इस वर्ष को सफलतपूर्वक आयोजित करने की तैयारी पूरी शुरू कर दी थी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत मंडपम में नवंबर 2024 में आयोजित वैश्विक सहकारी सम्मेलन के दौरान अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 की औपचारिक शुरुआत की थी।
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के दौरान देश में सहकारिता आंदोलन को मजबूत करने, सहकारिता के नए क्षेत्रों को बढ़ावा देने के साथ ही सहकारी शिक्षा और शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी के नेतृत्व में मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की 13 जनवरी को हुई एक अहम बैठक में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष (आईवाईसी) की तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया। आईवाईसी के लिए एक नेशनल कोऑपरेटिव कमेटी (एनसीसी) बनाई गई है। इस वैश्विक अवसर का अधिक से अधिक लाभ उठाने तथा सर्वाधिक प्रभावी तरीकों की पहचान करने के लिए मंत्रालय में नियमित रूप से उच्च स्तरीय बैठकों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें विभिन्न रणनीतियों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है।
बैठक में सहकारिता मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और केंद्रीय रजिस्ट्रार सहकारी समितियां (सीआरसीएस) रवींद्र कुमार अग्रवाल, संयुक्त सचिव सिद्धार्थ कुमार जैन और निदेशक कपिल मीणा समेत कई प्रमुख अधिकारी शामिल हुए। 13 जनवरी की बैठक में मुख्य रूप से इस एजेंडे को शामिल किया गया कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा तैयार किए गए लोगो का प्रयोग मानकों के तहत हो, इस वर्ष आयोजित होने वाली गतिविधियों, सेमिनार और वर्कशाप की जानकारी को अधिक से अधिक लोगों तक कैसे पहुंचाया जा सकता है, आदि विषयों पर चर्चा की गई। साथ ही, इस बात पर भी चर्चा की गई कि अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र द्वारा किए गए आयोजनों के साथ भारतीय सहकारी संगठनों के आयोजनों का तालमेल बैठाया जाना चाहिए। सहकारी सिद्धांतों को बढ़ावा देने और देश और दुनिया भर में आईवाईसी पहलों के मजबूत कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने की दिशा में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष एक महत्वपूर्ण कदम है।
इससे पहले एनसीयूआई के अध्यक्ष दिलीप संघाणी ने नए वर्ष के संदेश में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 और संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय किए गए एसडीजी सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में सहकारिता संगठनों की भागीदारी की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने हितधारकों से जमीनी स्तर पर, विशेष रूप से गांवों में सहकारी पहलों को मजबूत करने का आग्रह किया, ताकि सहकारी समितियों को सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन के लिए एक शक्तिशाली ताकत बनाने के दृष्टिकोण के साथ जोड़ा जा सके। संघाणी ने ग्रामीण स्तर पर सहकारी संगठनों को प्राथमिक सहकारी समितियों के माध्यम से मजबूत करने और स्वयं सेवी संगठनों को सुदृढ़ बनाने पर जोर दिया ताकि देश के आर्थिक सामजिक ढांचे को मजबूत करने में सहकारिता की भूमिका सुनिश्चित की जा सके।
अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के आयोजन के क्रम में एनसीयूआई द्वारा दि सेंटर फॉर इंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट एंड कोऑपरेशन (सीईडीसी) के सहयोग से कमेटी ऑफ वुमेन इंटरप्रेन्योरशिप (सीओवीई) की शुरूआत की गई जिसके माध्यम से सहकारिता में महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने और महिला नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा दिया जाएगा।