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कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी ने बढ़ाई मसालों की खुशबू

तमिलनाडू का इरोड तालुक (तहसील) मसालों के उत्पादन के लिए जाना जाता है। इसे दक्षिण भारत का फ्लेवर भी कहा जाता है। यहां के किसान लंबे समय से गरम मसाले विशेष रूप से हल्दी, कालीमिर्च, लौंग, इलायची और दालचीनी के उत्पादन से जुड़े हैं। एक समय ऐसा था जब हल्दी की मार्केटिंग पर निजी रिटेलरों का इतना कब्जा था कि किसानों को फसल की उपज का एक बड़ा हिस्सा कमीशन के रूप में देना पड़ता था। बिचौलियों की मनमानी से बचने के लिए इरोड तहसील के किसानों ने अपनी खुद की सहकारी विपणन समिति की शुरूआत की।

Published: 08:00am, 21 Feb 2025

सहकारी समितियों के उत्पाद को बेहतर बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से तमिलनाडू की इरोड और त्रिचेंगोडे कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी का गठन किया गया, जिन्होंने प्राइवेट मार्केटिंग कंपनियों के हस्तक्षेप को कम कर गरम मसालों की खुशबू को देशभर तक पहुंचाया। पहले निजी  मार्केटिंग कंपनियों के दखल से किसानों के लिए लागत निकालना मुश्किल होता था। मार्केटिंग की व्यावहारिक दिक्कतों को देखते हुए राज्य में सहकारी समितियों के उत्पादों को व्यापक बाजार उपलब्ध कराने के लिए कोऑपरेटिव मार्केटिंग सोसायटी का गठन किया गया। समय के साथ मार्केटिंग की जरूरतों को देखते हुए समिमियों ने डिजिटल माध्यम से उत्पादों की मार्केटिंग शुरू की जिससे उत्पादों की लोकप्रियता बढ़ गई।

तमिलनाडू का इरोड तालुक (तहसील) मसालों के उत्पादन के लिए जाना जाता है। इसे दक्षिण भारत का फ्लेवर भी कहा जाता है। यहां के किसान लंबे समय से गरम मसाले विशेष रूप से हल्दी, कालीमिर्च, लौंग, इलायची और दालचीनी के उत्पादन से जुड़े हैं। एक समय ऐसा था जब हल्दी की मार्केटिंग पर निजी रिटेलरों का इतना कब्जा था कि किसानों को फसल की उपज का एक बड़ा हिस्सा कमीशन के रूप में देना पड़ता था। बिचौलियों की मनमानी से बचने के लिए इरोड तहसील के किसानों ने अपनी खुद की सहकारी विपणन समिति की शुरूआत की। एक अनुभवी सहकारी नेता थिरू एसके परमासिवम के प्रयास से 31 जनवरी, 1960 में इरोड कृषि उत्पादक सहकारी विपणन समिति लिमिटेड का गठन किया, जिसने 29 जून 1960 से अपना कारोबार शुरू किया।

सहकारी विपणन समितियों ने समय के साथ अपने को उन्नत करते हुए तकनीकी दक्षता का प्रयोग करते हुए डिजिटल मार्केटिंग शुरू की और देशभर में तमिलनाडू के मसालों की खूशबु को पहुंचाया। सहकारी समिति का लक्ष्य किफायती दामों पर उच्च गुणवत्ता परक उत्पादों को उपभोक्ताओं तक पहुंचना रखा गया। पहली बार राज्य में वेबसाइट मंगलममसाला डॉट काम के माध्यम से मसालों को ऑनलाइन घर घर तक पहुंचाया गया। कच्चे मसाले की आपूर्ति के बाद इरोड सहकार ने कुछ समय बाद मूल्य संवर्धित उत्पादों की रेंज को लांच किया, जिससे हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर, मिर्ची पाउडर, सांभर मसाला, मिक्स रसम मसाला, करी मसाला, गरम मसाला, मटन मसाला, चिकन मसाला, रागी पाउडर, बोंडा मिक्स और कुमकुम पाउडर लांच किया। सबसे अहम यह था कि इन मसालों में किसी भी तरह के कृत्रिम रंग व प्रीजरवेटिव (संरक्षित करने वाले रसायनों) का प्रयोग नहीं किया गया।

इन उत्पादों को सहकारी समिति के ब्रांड नाम से किफायती कीमतों पर बेचना शुरू किया गया, कुछ समय बाद ही सहकारी समिति ने मोबाइल एप के माध्यम से उत्पादों को लोगों तक पहुंचाना शुरू किया, जिससे मसालों की बिक्री में खूब तेजी आई।

इफको से हुई इरोड की साझेदारी

इफको के साथ हुई साझेदारी के तहत इरोड ने इफको के किसान संचार लिमिटेड के साथ साझेदारी की जिससे मसालों को देशभर तक पहुंचाया गया। साझेदारी के तहत इरोड सहकार समिति आईकेएसएल के मार्केटिंग प्रयास के बाद प्रचलित ब्रांड नाम से उत्पादों को देशभर के लोगों तक पहुंचाना तय किया गया। बिचौलिए और प्रतिस्पर्धा से बचने के लिए तथा मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाए रखने के लिए त्रिचेंगोडे कृषि उत्पादक सहकारी विपणन समिति लिमिटेड (टीएपीसीएएमएस लिमिटेड) ने 30 अप्रैल 1930 को भगवान अर्द्धनारीश्वर की तलहटी में पंजीकृत कार्यालय शुरू किया, जिसे बाद में अन्य कृषि सदस्यों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए पंजीकृत किया गया। गठन के बाद से ही किसान सदस्यों को लाभ और सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से टीसीएमएस लगातार काम कर रही है। टीसीएमएस मॉडल को देशभर में लागू करने की जरूरत है। आज टीएपीसीएमए प्रचलित ब्रांड नाम से मूंगफली का तेल, तिल का तेल, नारियल का तेल, हल्दी पाउडर आदि जैसे मूल्यवर्धित उत्पादों का उत्पादन कर रहा है। इसकी हल्दी ग्राइंडिंग यूनिट को वर्ष 2018 में नेशनल एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम एनएडीपी की 15.50 लाख की आर्थिक सहायता से शुरू किया गया। सहकारी समिति के हल्दी ब्रांड अपनी गुणवत्ता और किफायती दाम की वजह से देशभर में नाम कमा रहा है।

कॉप बाजार से बढ़ा करोबार

राज्य के सहकारिता विभाग के सहयोग से कॉप बाजार मोबाइल एप की शुरूआत की गई। जिसके माध्यम से उपभोक्ता रोजमर्रा की जरूरी चीजों को बाजार से भी कम दाम पर खरीद सकते हैं। उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए कॉप बाजार पर काली मिर्च, शहद, मसाले व स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों को सूचीबद्ध किया गया। कुल 64 गुणवत्ता परक उत्पाद किफायती दाम पर कॉप बाजार पर ऑनलाइन उपलब्ध कराए गए। इसमें शहद, हल्दी पाउडर, मूंगफली, कॉफी पाउडर, नारियल तेल आदि को शामिल किया गया। कोली हिल्स की काली मिर्च के अलावा चेन्नई के लोगों को सत्यमंगलम जंगलों से निकाला गया प्राकृतिक शहद उपलब्ध कराया गया। जबकि सहकारी समिति के गठन से पहले यह उत्पाद केवल निर्धारित लोगों के लिए सीमित समय पर उपलब्ध होते थे। तमिलनाडू कोऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन (टीएएनएफएडी) सहकारी विपणन समितियों में राज्य की एपेक्स सहकारी संस्था और इरोड जैसी सहकारी विपणन समितियों के उत्पाद को व्यापक बाजार उपलब्ध कराती है।

YuvaSahakar Team

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