केंद्रीय सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कहा है कि ग्रामीण और शहरी सहकारी बैंकों को तकनीकी रूप से सशक्त बनाया जा रहा है। शहरी सहकारी बैंकों में पारदर्शिता बढ़ाने, जवाबदेही सुनिश्चित करने और प्रतिस्पर्धी ग्राहक सेवाएं प्रदान करने के लिए एक कॉमन आईटी प्लेटफॉर्म विकसित किया जाएगा। इसका संचालन शहरी सहकारी बैंकों का अंब्रैला संगठन राष्ट्रीय शहरी सहकारी वित्त और विकास निगम (NUCFDC) करेगा। इसी प्रकार, ग्रामीण सहकारी बैंकों के लिए शेयर्ड आईटी एंटिटी बनाने का कार्य प्रगति पर है।
डॉ. भूटानी ने लखनऊ में उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारियों, राज्य के सहकारी यूनियन/फेडरेशन के प्रमुखों, नाबार्ड के राज्य प्रमुख, एनडीडीबी, एफसीआई और अन्य सहकारी हितधारकों के साथ सहकारिता क्षेत्र में हो रहे विकास कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत में यह जानकारी दी। इस बैठक में उन्होंने सहकारी समितियों के कार्यक्षेत्र के विस्तार के लिए नवीन तकनीकों के उपयोग और वित्तीय एवं मानव संसाधनों की समुचित उपलब्धता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सहकारी समितियां अब नए स्वरूप में कार्य कर रही हैं और आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर हैं।
बैठक में डॉ. भूटानी ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जहां समितियां नहीं हैं, वहां नई बहुउद्देशीय समितियां बनाई जाएं और अधिक से अधिक नए लोगों को इनसे जोड़ा जाए। उन्होंने ग्रामीण स्तर की सभी सहकारी समितियों को बहुउद्देशीय बनाने और उनके सदस्यों को सशक्त करने के लिए RuPay KCC के वितरण पर विशेष बल दिया। साथ ही, उन्होंने समितियों के सदस्यों के साथ नियमित संपर्क बनाए रखने, उनकी समस्याओं को हल करने और उन्हें राज्य व केंद्र सरकार की योजनाओं की जानकारी साझा करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अतिरिक्त, उन्होंने किसानों की उपज के सुरक्षित भंडारण के लिए उपयुक्त व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता भी जताई।
इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के सहकारिता विभाग के प्रमुख सचिव सौरभ बाबू ने विभागीय कार्यों की जानकारी दी और अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष 2025 के तहत आयोजित कार्यक्रमों- ‘रन फॉर को-ऑपरेशन’ मैराथन और प्रयागराज महाकुंभ-2025 की रूपरेखा प्रस्तुत की। इस बैठक में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के संयुक्त सचिव सिद्धार्थ जैन, डायरेक्टर डॉ. मुकेश कुमार सहित राज्य के अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।