सहकारी समितियों में पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने और बहु-राज्य सहकारी समितियों में चुनावी प्रक्रिया की देखरेख करने के लिए सहकारी चुनाव प्राधिकरण (सीईए) का गठन किया गया है। इससे सहकारिता क्षेत्र के चुनाव स्वच्छ हुए हैं और प्रक्रिया में विश्वसनीयता बढ़ी है। केंद्रीय सहकारिता सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने सीईए के प्रथम स्थापना वर्ष पर आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि यह बात कही।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. भूटानी ने कहा कि संसद द्वारा बहु-राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) अधिनियम, 2023 पारित होने के बाद सहकारी चुनाव प्राधिकरण का गठन किया गया था। यह बड़ा संशोधन था जिसमें 12 वर्षों से अधिक का समय लगा। सीईए का गठन सहकारी समिति के सदस्यों के लोकतांत्रिक नियंत्रण के मूल सहकारी सिद्धांत की रक्षा के लिए किया गया है। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण सहकारी समितियों में पारदर्शी तरीके से चुनाव कराने के लिए जिम्मेदार है। साथ ही, सहकारी समितियों में चुनाव आयोजित करते समय पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए बहु-राज्य सहकारी समितियों में चुनावी प्रक्रिया की देखरेख भी करता है।
उन्होंने कहा कि प्राधिकरण निहित स्वार्थों, चुनावों में अस्पष्टता को दूर करने और सहकारी समितियों में नए चेहरों को शामिल करने के लिए है। जिला मजिस्ट्रेट और जिला कलेक्टरों की देखरेख में चुनाव आयोजित किए जाने से एक नई शुरुआत हुई है, जिससे चुनाव स्वच्छ हुए हैं और प्रक्रिया में विश्वसनीयता बढ़ी है। डॉ. भूटानी ने सीईए से आग्रह किया कि वह सहकारी कानून के प्रावधानों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए हितधारकों और निर्वाचन अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण कार्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करे। सहकारी समितियों के सदस्यों की सक्रिय भागीदारी से सहकारी समितियां सहकारी सिद्धांतों को, विशेषकर चुनाव प्रक्रिया में, प्राप्त कर सकती हैं।
सीईए के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार सिंह ने इस मौके पर सहकारी समितियों में लोकतांत्रिक शासन, पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास जारी रहेगा कि हमारी चुनावी प्रक्रियाएं स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हों। अगले वर्ष के दौरान प्राधिकरण विभिन्न राज्य सहकारी चुनाव प्राधिकरणों और विभिन्न राज्यों के निर्वाचन अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी और सहायता से 170 से अधिक समितियों के चुनाव कराने की योजना बना रहा है। उन्होंने उपनियमों की जांच के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने का सुझाव दिया ताकि उपनियमों के असंगत प्रावधानों पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने राज्य सहकारी चुनाव प्राधिकरणों के साथ सहयोग विकसित करने का भी सुझाव दिया। इस अवसर पर तमिलनाडु और कर्नाटक राज्य सहकारी चुनाव प्राधिकरण के अध्यक्ष भी उपस्थित थे।
प्राधिकरण ने अपने गठन के बाद से 137 से अधिक समितियों के लिए चुनाव कार्यक्रम जारी किए हैं और निदेशक मंडल और पदाधिकारियों के लिए 100 चुनाव सफलतापूर्वक आयोजित किए गए हैं। सहकारी चुनाव प्राधिकरण को बहु-राज्य सहकारी समितियों के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए 11 मार्च, 2024 को अधिसूचित किया गया था। वर्तमान में प्राधिकरण में तीन सदस्य हैं।
स्थापना दिवस कार्यक्रम में सहकारी मितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार रबींद्र कुमार अग्रवाल, सीईए के उपाध्यक्ष आरके गुप्ता, केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी तथा बहु-राज्य सहकारी समितियों के प्रमुख और प्रतिनिधि उपस्थित थे।