बिहार सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने के उद्देश्य से रोहतास, दरभंगा, गया, गोपालगंज और सीतामढ़ी में पाँच नए डेयरी प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है, जिस पर 317 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही राज्य के 1.15 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों में नए बर्तन खरीदे जाएंगे। कैबिनेट ने कुल 41 प्रस्तावों को स्वीकृति दी, जिसमें पेयजल योजनाएं और पत्रकार पेंशन योजना में संशोधन भी शामिल है।
डेयरी प्लांट: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई दिशा
कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव डॉ. एस. सिद्धार्थ ने बताया कि बिहार सरकार ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए पांच जिलों—दरभंगा, गया, गोपालगंज, रोहतास, और सीतामढ़ी—में आधुनिक डेयरी प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। इन प्लांटों की स्थापना पर कुल 316.31 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इनका विवरण निम्नलिखित है:
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दरभंगा: 2 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का दूध प्रसंस्करण संयंत्र (71.32 करोड़ रुपये)
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वजीरगंज (गया): 2 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का दूध प्रसंस्करण संयंत्र (50.27 करोड़ रुपये)
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गोपालगंज: 1 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता का दूध प्रसंस्करण संयंत्र (54.73 करोड़ रुपये)
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डेहरी-ऑन-सोन (रोहतास): 30 मीट्रिक टन प्रतिदिन दूध पाउडर उत्पादन संयंत्र (69.66 करोड़ रुपये)
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सीतामढ़ी: 30 मीट्रिक टन प्रतिदिन दूध पाउडर उत्पादन संयंत्र (70.33 करोड़ रुपये)
ये डेयरी प्लांट न केवल दूध की आपूर्ति बढ़ाएंगे, बल्कि स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेंगे। यह पहल बिहार के दुग्ध उत्पादकों और ग्रामीण समुदायों के लिए वरदान साबित होगी।
आंगनबाड़ी केंद्रों के लिए बर्तन खरीद
राज्य के 1.15 लाख आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों और गर्भवती महिलाओं को बेहतर पोषण प्रदान करने के लिए नए बर्तनों की खरीद को मंजूरी दी गई है। इस परियोजना के लिए 115 करोड़ रुपये से अधिक का बजट स्वीकृत किया गया है। यह कदम सामाजिक कल्याण और बच्चों के स्वास्थ्य को प्राथमिकता देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
पेयजल योजनाएं: स्वच्छ जल, स्वस्थ बिहार
बिहार सरकार ने स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए दो महत्वपूर्ण जलापूर्ति योजनाओं को मंजूरी दी है।
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कैमूर: अधौरा प्रखंड की सात पंचायतों के 41 वार्डों में सोन नदी के तट पर नलकूप आधारित 7.85 एमएलडी क्षमता की बहुग्रामीण जलापूर्ति योजना को स्वीकृति दी गई। इस योजना के निर्माण और रखरखाव के लिए सात वर्षों के लिए 293.94 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
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सुपौल: छातापुर प्रखंड की 23 पंचायतों के 63 गांवों के 318 वार्डों में भूजल स्तर में गिरावट और लौह प्रभावित जल की समस्या के समाधान के लिए 320.10 करोड़ रुपये की लागत से शुद्ध पेयजल योजना को मंजूरी दी गई है।
ये योजनाएं ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कर बिहार के स्वास्थ्य और जीवन स्तर को बेहतर बनाएंगी।
पत्रकार सम्मान पेंशन में वृद्धि
बिहार पत्रकार सम्मान पेंशन योजना नियमावली-2019 में संशोधन करते हुए पेंशन राशि को 6,000 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। साथ ही, लाभार्थी पत्रकार की मृत्यु के बाद उनके आश्रित पति या पत्नी को दी जाने वाली पेंशन को 3,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये प्रतिमाह किया गया है। यह लाभ केवल उन आश्रितों को मिलेगा जो किसी मीडिया संस्थान या सरकारी सेवा में कार्यरत नहीं हैं।