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अमित शाह ने किया 24 हजार करोड़ रुपये की योजना का अनावरण, सहकारी समितियों का होगा विकास

अमित शाह ने बताया कि एनसीडीसी ने वित्तीय सुधारों के तहत फ्लोटिंग ब्याज दर प्रणाली की शुरुआत की है, जिससे टर्म लोन की ब्याज दरों में लगभग 2% की कमी आई है। इसके अलावा, एक विभेदक ब्याज दर प्रणाली लागू की गई है, जो उधारकर्ता की पुनर्भुगतान क्षमता के अनुसार दर निर्धारित करती है। इससे सहकारी समितियों को सस्ती दर पर ऋण उपलब्ध हो रहा है।

Published: 14:35pm, 23 Jul 2025

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (NCDC) के माध्यम से सहकारी समितियों के विकास के लिए एक नई योजना की घोषणा की है। यह योजना केंद्रीय क्षेत्र एकीकृत सहकारी विकास योजना (CSISC) की तर्ज पर तैयार की गई है और इसके लिए 24,000 करोड़ रुपये का प्रस्तावित परिव्यय निर्धारित किया गया है। इस पहल से 29,050 सहकारी समितियों को लाभ मिलने और एक करोड़ से अधिक सदस्यों पर प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।

शाह ने एनसीडीसी के परिचालनों के तेजी से विस्तार पर प्रकाश डालते हुए बताया कि वित्तीय सहायता का वितरण पिछले चार वर्षों में लगभग चार गुना बढ़ा है। वित्त वर्ष 2020-21 में यह 24,733.20 करोड़ रुपये था, जो वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 95,182.84 करोड़ रुपये हो गया है। इस दौरान निगम ने 40% की प्रभावशाली चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) दर्ज की है। वित्तीय सुधारों के तहत, एनसीडीसी ने फ्लोटिंग ब्याज दर प्रणाली लागू की है, जिससे टर्म लोन की ब्याज दरों में लगभग 2% की कमी आई है। इससे उधारकर्ता बाजार की स्थितियों के आधार पर कम ब्याज दरों का लाभ उठा सकते हैं। साथ ही, निगम ने विभेदक दर तंत्र अपनाया है, जो उधारकर्ता की वित्तीय स्थिति और पुनर्भुगतान क्षमता के आधार पर ब्याज दरें निर्धारित करता है।

ऋण तक पहुंच को आसान बनाने के लिए, एनसीडीसी ने सहकारी समितियों को क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर माइक्रो एंड स्मॉल एंटरप्राइजेज (सीजीटीएमएसई), क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर एफपीओ (सीजीएसएफपीओ), और क्रेडिट गारंटी फंड ट्रस्ट फॉर एनिमल हसबेंड्री एंड डेयरी (सीजीएफटी-एएचडी) जैसी योजनाओं के तहत पंजीकरण के माध्यम से संपार्श्विक-मुक्त ऋण प्राप्त करने में सक्षम बनाया है।

अमित शाह ने एनसीडीसी और राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के बीच रणनीतिक सहयोग की भी सराहना की। दोनों संस्थानों ने डेयरी सहकारी समितियों के वित्तपोषण, प्रशिक्षण, और क्षमता निर्माण के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इस सहयोग का उद्देश्य छोटे डेयरी उत्पादकों को सशक्त बनाना और किसानों की आय में वृद्धि करना है।

एनसीडीसी ने तकनीकी क्षमता की कमी वाले अन्य ऋणदाताओं के लिए बड़े पैमाने की परियोजनाओं का मूल्यांकन भी शुरू किया है। उदाहरण के लिए, निगम ने गुजरात राज्य सहकारी बैंक के लिए तीन प्रमुख डेयरी परियोजनाओं का मूल्यांकन किया। इसके अलावा, एनसीडीसी ने अपनी भौगोलिक पहुंच बढ़ाने के लिए विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश) में एक नया क्षेत्रीय कार्यालय और जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, सिक्किम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, और नागालैंड में उप-कार्यालय खोले हैं।

आंतरिक दक्षता को बढ़ाने के लिए, एनसीडीसी ने 12 चार्टर्ड अकाउंटेंट/कॉस्ट अकाउंटेंट, 31 एमबीए स्नातक, और अन्य पेशेवरों को शामिल किया है, जो नई प्रतिभा और विशेषज्ञता लाए हैं। शाह ने कहा कि ये पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ के दृष्टिकोण के अनुरूप हैं और एक मजबूत, समावेशी, और आत्मनिर्भर सहकारी आंदोलन की नींव रखेंगी।

सहकारिता मंत्री ने बताया कि10,000 किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाने की केंद्रीय क्षेत्र योजना के तहत, एनसीडीसी ने एफपीओ और क्लस्टर-आधारित व्यावसायिक संगठनों को 179 करोड़ रुपये वितरित किए हैं। शुरुआत में 746 एफपीओ बनाने का लक्ष्य रखा गया था, जिसे निगम ने सहकारी समिति अधिनियम के तहत पूरा किया। बाद में, सहकारिता और कृषि मंत्रालयों के सहयोग से, एनसीडीसी को प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (पीएसीएस) के माध्यम से 1,117 एफपीओ बनाने का विस्तारित लक्ष्य दिया गया, जिसे भी पूरी तरह से हासिल कर लिया गया है। यह पहल किसानों के लिए बाजार पहुंच में सुधार और लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने के लिए शुरू की गई है।

YuvaSahakar Desk

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