केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी बाजपेयी (Atal Ji) जी की 100वीं जन्मजयंती के मौके पर 10 हजार M-PACS और डेयरी व मत्स्य सहकारी समितियों का उद्घाटन किया. राजधानी दिल्ली ICAR कन्वेंशन सेंटर पूसा में गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि 19 सितंबर 2024 को नियमावली बनाई और आज 86वां दिन है, जब 10 हजार मॉडर्न पैक्स बनकर तैयार हो चुके हैं.
अमित शाह ने कहा कि हमने घोषणा की थी कि 2 लाख पैक्स बनाएंगे. नाबार्ड, nddb ने इसमें बड़ी भूमिका निभाई है. अब 10 हजार पैक्स बन चुके हैं जो हमारी सरकार की बड़ी उपलब्धि है. आज जिन समितियों का उद्घाटन किया गया है, वो समितियां किसानों और ग्रामीणों को सरकारी सेवाओं और योजनाओं का लाभ पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मल्टीपरपज पैक्स के जरिए ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ तेज और आसान तरीके से पहुंचाया जा रहा है. यह पैक्स ग्रामीण भारत के विकास को रफ्तार देने में बड़ी भूमिका निभाने वाली हैं. राष्ट्रीय सम्मेलन में देशभर से M-PACS, डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के प्रतिनिधियों सहित लगभग 1200 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. उन्होंने 10,000 से ज्यादा नवनिर्मित मल्टीपरपज प्राथमिक कृषि सहकारी समितियां (M-PACS) के साथ ही डेयरी और मत्स्य पालन समितियां राष्ट्र को समर्पित की.
अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार सहकार को बढ़ावा देकर ग्रामीण अर्थतंत्र को नई शक्ति प्रदान कर रही है.केंद्रीय मंत्री ने नवगठित सहकारी समितियों को पंजीकरण प्रमाणपत्र, किसानों को RuPay किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) और माइक्रो ATM भी सौंपे. उन्होंने कहा कि ये वित्तीय उपकरण पंचायतों को क्रेडिट सेवाओं तक आसान पहुंच उपलब्ध कराने के लिए डिजाइन किए गए हैं. इससे ग्रामीण आबादी योजनाओं का लाभ उठा सके और राष्ट्र की आर्थिक प्रगति में भाग ले सके.
मंत्री ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय हर पंचायत में सहकारी समितियों को स्थापित कर रहा है. इससे स्थानीय स्तर पर विकास और आत्मनिर्भरता के अवसर उपलब्ध हो सकें. नए M-PACS के गठन से ग्रामीण क्षेत्रों में सहकारिता से जुड़ी संस्थाओं के विकास को बढ़ावा मिलेगा. नवनिर्मित बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी सहकारी और मत्स्य सहकारी समितियों में ऋण वितरक संस्था, डेयरी समितियां और मत्स्य पालन समितियां भी शामिल की गई हैं.
अमित शाह ने सहकारी समितियों को स्थानीय लोगों खासतौर पर महिला-नेतृत्व वाली पंचायतों को मजबूत बनाने पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि सहकारिता क्षेत्र भारतीय ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के वित्तीय समावेशन, ग्रामीण कृषि और कुटीर उद्योग के विकास, रोजगार सृजन और नारी एवं सामाजिक मजबूती का मुख्य जरिया है.
उन्होंने कहा कि अगले 5 सालों में देश की हर पंचायत में एक सहकारी संस्था की स्थापना करने का टारगेट है. इसको पूरा करने के लिए सितंबर 2024 में मल्टीपरपज पैक्स का गठन किया किया गया था. अब तक नए 10,496 बहुउद्देशीय पैक्स, डेयरी और मत्स्य पालन सहकारी समितियों में से 3523 M-PACS और 6288 डेयरी सहकारी समितियां रजिस्टर हो चुकी हैं. इसके अलावा मत्स्य पालन की 685 नई सहकारी समितियों का भी रजिस्ट्रेशन हुआ है.