उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों और मछली पालकों के लिए एक बड़ी सौगात दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में दो अहम परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिससे कृषि और मत्स्य उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा।
इस फैसले के तहत संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की एक बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनी एक्वाब्रिज प्रदेश में चार करोड़ रुपये का निवेश करेगी। यह कंपनी एक एक्वाकल्चर परियोजना लगाएगी, जिससे मछली पालकों को आधुनिक तकनीक मिलेगी और छोटे मछलियों (फिंगरलिंग्स) के निर्यात के नए रास्ते खुलेंगे। इस परियोजना में एक विश्वस्तरीय ट्रेनिंग सेंटर भी बनेगा और मिडिल ईस्ट जैसे देशों को मछली उत्पाद भेजने के लिए एक बाय-बैंक भी तैयार किया जाएगा।
दूसरी ओर, कर्नाटक की कंपनी इनोवा फूड पार्क जेवर एयरपोर्ट के पास एक एग्री एक्सपोर्ट हब बनाएगी। इसमें किसानों के उत्पादों की जांच (टेस्ट) और उपचार (ट्रीटमेंट) की सारी सुविधाएं एक ही जगह मिलेंगी। यही नहीं, यहां से मिडिल ईस्ट, यूरोप और रूस जैसे देशों को सीधे कार्गो प्लेन के ज़रिए सब्ज़ियां, फल और अन्य कृषि उत्पाद भेजे जा सकेंगे।
सरकार ने इन दोनों कंपनियों को खास नीतिगत रियायतें दी हैं। एक्वाब्रिज को 60 एकड़ ज़मीन और इनोवा फूड पार्क को 50 एकड़ ज़मीन सस्ते दामों पर दी जाएगी। इसके साथ ही, 75% तक लैंड सब्सिडी, 25% से 50% पूंजी सब्सिडी, परिवहन पर सब्सिडी, स्टांप ड्यूटी से 100% छूट और बिजली शुल्क में दो साल की छूट जैसी सुविधाएं मिलेंगी। ये सभी सहायताएं समन्वय विभाग के बजट से दी जाएंगी।
इन परियोजनाओं को विश्व बैंक द्वारा समर्थित यूपी एग्रीज परियोजना के तहत आगे बढ़ाया जा रहा है, जो पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाकों के विकास के लिए चलाई जा रही है। यह योजना 2024-25 से 2029-30 तक लागू रहेगी।
इन प्रयासों से यूपी न सिर्फ कृषि और मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि एक निर्यात केंद्र के रूप में भी उभरेगा, जिससे गांवों को रोजगार, किसानों को बेहतर आमदनी और प्रदेश को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान मिलेगी।