राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 के अंतर्गत केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने देश को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं। केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह आज राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 का लोकार्पण करेंगे। इस नीति में अगले 10 वर्षों में 50 करोड़ लोगों को सहकारी ढांचे से जोड़ने और अर्थव्यवस्था में सहकारी क्षेत्र का योगदान तीन गुना बढ़ाने का लक्ष्य तय किया गया है। केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह जानकारी दी गई है।
सहकारिता मंत्रालय के एक्स हैंडल पर दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय सहकारिता नीति 2025 में यह प्रावधान किया गया है कि हर जिले में एक मॉडल कोऑपरेटिव गांव विकसित होगा, जो बहुउद्देशीय PACS पर आधारित होगा। महिला सशक्तीकरण और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए डेयरी सहकारी समितियों के माध्यम से “श्वेत क्रांति 2.0” को व्यापक विस्तार दिया जाएगा। दलहन, तिलहन, मक्का और मोटे अनाज की पैदावार बढ़ाकर खाद्य आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना भी इस नीति का लक्ष्य है। साथ ही, सहकारी शुगर मिलों को वैकल्पिक स्रोतों से एथेनॉल उत्पादन के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा।
‘एक जिला, एक उत्पाद’ जैसी योजनाओं से सहकारी संस्थाओं को जोड़कर निर्यात को बढ़ावा देने का प्रावधान भी इसमें किया गया है। शहद, मसाले, चाय, कॉफी, रेशम, फूल, मशरूम आदि जैसे विशेष उत्पादों के ग्रामीण क्लस्टर भी विकसित किए जाएंगे। यह पहल न केवल ग्रामीण रोजगार को बढ़ाएगी, बल्कि भारत को आत्मनिर्भर और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाएगी।