प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय कृषि वैज्ञानिक और इक्रीसेट के डिप्टी डायरेक्टर जनरल एवं इसी संस्थान के ग्लोबल रिसर्च प्रोग्राम में डायरेक्टर रहे डॉ. मांगी लाल जाट को केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च एंड एजुकेशन (डेअर) का नया सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है। उन्होंने सोमवार को पदभार संभाल लिया। उन्होंने हिंमाशु पाठक का स्थान लिया है जिनका कार्यकाल पिछले महीने ही समाप्त हो गया था। पाठक को इक्रीसेट का महानिदेशक बनाया गया है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने 17 अप्रैल को डॉ. मांगी लाल जाट की नियुक्ति को मंजूरी दी। उनका कार्यकाल तीन वर्ष का होगा। उनका चयन देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों की एक समिति ने किया है, जिसमें आईसीएआर के दो पूर्व महानिदेशक, इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस, बेंगलुरु के डायरेक्टर और अन्य एक्सपर्ट शामिल थे। नियुक्ति समिति ने 7 मार्च को उम्मीदवारों का साक्षात्कार लिया था, जिसमें पांच वैज्ञानिकों को शॉर्टलिस्ट किया गया। समिति की सिफारिशों के बाद डॉ. मांगी लाल जाट की नियुक्ति को मंजूरी दी और इस संबंध में अधिसूचना जारी की गयी।
4 मई, 1971 को राजस्थान के पचकोदिया में जन्मे मांगी लाल जाट ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), नई दिल्ली से वर्षा आधारित बाजरा में मृदा नमी संरक्षण में विशेषज्ञता के साथ कृषि विज्ञान में पीएचडी की है। उनके शोध ने एशिया और अफ्रीका में छोटे किसानों के लिए सतत गहनता की रणनीतियों को नया आकार दिया जिससे खाद्य प्रणाली के जलवायु अनुकूल उत्पादन में वैश्विक प्रयासों में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। डॉ. मांगी लाल जाने-माने एग्रोनॉमिस्ट हैं। उन्हें सिस्टम साइंस में 25 साल से ज्यादा का अनुभव है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उनके शोध व नेतृत्व को मिली पहचान को नियुक्ति की मुख्य वजह माना जा रहा है। उन्हें कई पुरस्कार और सम्मान मिले हैं, जिनमें आईसीएआर का प्रतिष्ठित रफी अहमद किदवई पुरस्कार भी शामिल है।
उनके शोध क्षेत्रों में संरक्षण कृषि, पुनर्योजी कृषि, खेती प्रणाली, सटीक खेती और जलवायु-स्मार्ट कृषि शामिल हैं। देश के प्रमुख कृषि अनुसंधान संस्थान ICAR के प्रमुख के रूप में जाट की नियुक्ति टिकाऊ खेती के तरीकों के महत्व को रेखांकित करती है। उनकी नियुक्ति से आईसीएआर के व्यापक कृषि पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर नवाचार , साधरणीयता एवं किसान केंद्रित अनुसंधान को गति मिलने की उम्मीद है।
डॉ. जाट की कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों में प्रमुख के रूप में भूमिका रही हैं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ) और इंटरनेशनल सोसायटी ऑफ प्रिसिजन एग्रीकल्चर (आईएसपीए) शामिल हैं। डॉ. जाट जलवायु परिवर्तन, मृदा क्षरण और खाद्य प्रणाली में परिवर्तन जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए आईसीएआर के मार्गदर्शन हेतु अग्रसर हैं। उनका दृष्टिकोण सतत विकास, सटीक खेती एवं अपनी विशाल आबादी के लिए पोषण सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।