महिलाओं के बीच उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए स्वावलंबिनी कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) ने नीति आयोग के सहयोग से इसकी शुरुआत की है। केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्मिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी ने मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
महिला उद्यमिता को मजबूत करने की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल उच्च शिक्षा संस्थानों में छात्राओं को उनके उद्यमों को सफलतापूर्वक बनाने और बढ़ाने के लिए आवश्यक उद्यमशील मानसिकता, संसाधन और मार्गदर्शन प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाती है।
इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयंत चौधरी ने कहा, “स्वावलंबिनी महिला उद्यमिता कार्यक्रम एक ऐसी पहल है जिसका उद्देश्य युवा महिलाओं को अपना खुद का व्यवसाय स्थापित करने के लिए आवश्यक कौशल और आत्मविश्वास प्रदान करना है। हम उन कार्यक्रमों से आगे बढ़ना चाहते हैं जिनमें महिलाओं को योजनाओं के लाभार्थियों के रूप में सूचीबद्ध किया जाता है। हम महिलाओं के नेतृत्व वाली विकास पहलों की ओर बढ़ना चाहते हैं। भारत की प्रगति के लिए महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। महिलाओं को सही संसाधन, प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता देकर हम उनकी वास्तविक क्षमता को उजागर कर सकते हैं। महिला सशक्तिकरण केवल एक आर्थिक आवश्यकता नहीं है, बल्कि एक सामाजिक परिवर्तन है। जब एक महिला सशक्त होती है, तो वह अपने परिवार, अपने समुदाय और पूरे देश का उत्थान करती है।”
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से भारत के युवाओं को समान अवसर प्रदान करने पर लगातार ध्यान केंद्रित किया है, जिससे उन्हें अपने करियर में सीखने और उत्कृष्टता प्राप्त करने की दृष्टि मिली है। हम अपने देश के युवाओं में जागरूकता पैदा करने और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में एआई से संबंधित पाठ्यक्रम शुरू करने की आशा करते हैं।
पूर्वी क्षेत्र के कई उच्च शिक्षण संस्थानों में स्वावलंबिनी की सफल शुरूआत के बाद अब देश के अन्य क्षेत्रों इसका विस्तार किया जा रहा है। जिन संस्थानों में पहले इसकी शुरूआत हो चुकी है उनमें ओडिशा में आईआईटी भुवनेश्वर और उत्कल विश्वविद्यालय, शिलांग में नॉर्थ-ईस्टर्न हिल यूनिवर्सिटी (एनईएचयू), मेघालय में जोवाई और री भोई में कियांग नांगबाह सरकारी कॉलेज, मिजोरम में चम्फाई और लुंगलेई सरकारी कॉलेज, असम में गुवाहाटी के हांडिक गर्ल्स कॉलेज, दिसपुर कॉलेज और गुवाहाटी विश्वविद्यालय शामिल हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू), हैदराबाद विश्वविद्यालय और मौलाना आज़ाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय में भी स्वावलंबिनी का वर्चुअल शुभारंभ किया गया। इससे देश के विभिन्न क्षेत्रों में इस पहल की पहुंच बढ़ गई।
इस अवसर पर राष्ट्रीय उद्यमिता एवं लघु व्यवसाय विकास संस्थान (एनआईईएसबीयूडी) ने कौशल विकास नेटवर्क (एसडीएन) के साथ दो समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। इन समझौता ज्ञापनों का उद्देश्य उद्यमिता कौशल को बढ़ाना, पाठ्यक्रम विकसित करना, प्रशिक्षण, कार्यशालाओं और इनक्यूबेशन समर्थन के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ावा देना है, जिससे आर्थिक विकास के लिए उद्यमिता शिक्षा और पारिस्थितिकी तंत्र विकास को मजबूती मिलेगी।