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दो साल में बनीं 13,532 बहुउद्देशीय सहकारी समितियां, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को देंगे बढ़ावा

नवगठित सहकारी समितियों के माध्यम से देश के गांवों में न सिर्फ सहकारिता का जन-जन तक विस्तार होगा, बल्कि सहकारिता आंदोलन को नई मजबूती मिलेगी।

Published: 08:00am, 18 Feb 2025

केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने वर्ष 2027 तक उन पंचायतों में दो लाख नए पैक्स के गठन का निर्णय लिया है जहां अभी पैक्स नहीं हैं। इनमें बहुउद्देशीय प्राथमिक सहकारी समितियां (एम-पैक्स), डेयरी एवं मत्स्य सहकारी समितियां शामिल हैं। राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के आंकड़ों के अनुसार, 15 फरवरी, 2023 से लेकर 17 फरवरी, 2025 तक कुल 13,532 नए बहुउद्देशीय प्राथमिक समितियों का गठन हो चुका है। नई समितियों में डेयरी समितियों की संख्या सबसे ज्यादा है।

राष्ट्रीय सहकारी डेटाबेस के ताजा आंकड़ों में बताया गया है कि पिछले दो साल में 3708 बहुद्देशीय प्राथमिक सहकारी समितियों (एमपैक्स) का गठन हुआ है। वहीं, इस दौरान 8781 बहुद्देशीय डेयरी सहकारी समितियां (एमडीसीएस) बनी हैं, जबकि 1043 बहुद्देशीय मत्स्य सहकारी समितियां (एमएफसीएस) बनाई गई हैं। सहकारिता का जमीनी स्तर पर विस्तार करना और इसे महिलाओं एवं युवाओं के लिए रोजगार का बेहतर माध्यम बनाना केंद्र सरकार की प्राथमिकता में है। इन नवगठित सहकारी समितियों के माध्यम से देश के गांवों में न सिर्फ सहकारिता का जन-जन तक विस्तार होगा, बल्कि सहकारिता आंदोलन को नई मजबूती मिलेगी।

इन सहकारी समितियों के पंजीकरण में राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड), राष्‍ट्रीय डेरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) और राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड (एनएफडीबी) ने बड़ी भूमिका निभाई है। नाबार्ड पहले चरण में 22,750 पैक्स और दूसरे चरण में 47,250 पैक्स बनाएगा। इसी प्रकार, एनडीडीबी 56,500 नई सहकारी समितियां बनाएगा और 46,500 मौजूदा समितियों को सुदृढ़ करेगा। एनएफडीबी 6,000 नई मत्स्य सहकारी समितियां बनाने और 5,500 मौजूदा मत्स्य सहकारी समितियों के सशक्तिकरण का कार्य करेगा। इनके अलावा राज्यों के सहकारी विभाग 25,000 नए पैक्स बनाने का दायित्व निभाएंगे।

32 नई गतिविधियों से जुड़े पैक्स

सहकारिता मंत्रालय की स्थापना के बाद सबसे बड़ा कार्य सभी पैक्स के कंप्यूटरीकरण का हुआ है। पैक्स को आर्थिक तौर पर व्यवहारिक बनाने के लिए इसके कार्यों को विस्तार दिया गया है और इसे 32 प्रकार की नई गतिविधियों से जोड़ा गया है। सरकार ने पैक्स को बहुआयामी बनाकर उन्हें पेट्रोल एवं डीजल पंप खोलने, एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर बनने, कॉमन सर्विस सेंटर एवं जनऔषधि केंद्र खोलने, अन्न भंडारण, उर्वरक और जल वितरण आदि गतिविधियों के साथ जोड़ा है।

YuvaSahakar Team

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