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पांच साल में देश में बनेंगे दो लाख नए पैक्स, डेयरी और मत्स्य क्षेत्र में सहकारी समितियों के रूप में होंगे विकसित

सरकार अगले पांच वर्ष में दो लाख नए बहुउद्देश्यीय पैक्स बनाने पर काम कर रही है ताकि देश के उन इलाकों को कवर किया जा सके, जिन्हें अब तक न्यूनतम या बिल्कुल भी नहीं कवर किया गया है। ये सभी पैक्स डेयरी और मत्स्य क्षेत्र की सहकारी समितियों के रूप में विकसित किये जाएंगे।

Published: 08:00am, 01 Feb 2025

सरकार अगले पांच वर्ष में दो लाख नए बहुउद्देश्यीय पैक्स बनाने पर काम कर रही है ताकि देश के उन इलाकों को कवर किया जा सके, जिन्हें अब तक न्यूनतम या बिल्कुल भी नहीं कवर किया गया है। ये सभी पैक्स डेयरी और मत्स्य क्षेत्र की सहकारी समितियों के रूप में विकसित किये जाएंगे।

पैक्स  को सशक्त बनाने, उनकी क्षमताओं को बढ़ाने और उन्हें आत्मनिर्भर संस्थाएं बनने में सहायता करने के लिए हितधारकों ने मजबूत प्रतिबद्धता प्रदर्शित की। सभी व्यवहार्य पैक्स को एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग (ईआरपी) आधारित सॉफ्टवेयर पर लाने और उन्हें राज्य सहकारी बैंकों और जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों के माध्यम से नाबार्ड से जोड़ने पर जोर दिया गया। सहकारिता मंत्रालय ने अब तक 30 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के 67,930 पैक्स को कंप्युटरीकृत करने के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। केंद्र सरकार ने इसके हार्डवेयर की खरीद, लीगेसी डेटा के डिजिटलीकरण और सपोर्ट सिस्टम की स्थापना के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 654.23 करोड़ रुपए का भुगतान भी कर दिया है। इस परियोजना के तहत नाबार्ड को भी 141 करोड़ रुपए जारी किए गए हैं।

पैक्स डिजिटलीकरण अभियान के तहत  अगस्त 2024 तक 29 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 31,301 पैक्स को ईआरपी सॉफ्टवेयर से जोड़ दिया गया है और 21,477 पैक्स लाइव हो गए हैं। सहकारिता मंत्रालय पैक्स को व्यवहार्य व्यावसायिक इकाई बनाने पर फोकस कर रहा है। इसके लिए कृषि और संबद्ध गतिविधियों से लेकर पेट्रोलियम उत्पादों, उर्वरकों और बीजों के वितरण के विभिन्न क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को संचालित करने वाली बहुउद्देशीय संस्थाओं के रूप में कार्य करने के लिए मॉडल बायलॉज बनाए गए हैं, जिन्हें अधिकांश राज्यों ने लागू कर लिया है और शेष राज्य भी अपनाने की प्रक्रिया में हैं।

राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) सहित विभिन्न राष्ट्रीय सहकारी संघों के अध्यक्षों और प्रबंध निदेशकों सहित अनेक हितधारकों की मौजूदगी में सहकारी क्षेत्र के हितधारकों ने वर्चुअल माध्यम से परामर्श सत्रों में भागीदारी की। इसका आयोजन सहकारिता मंत्रालय ने किया था। देश में सहकारी विकास का जिक्र करते हुए सहकारिता मंत्रालय के सचिव डॉ. आशीष कुमार भूटानी ने कहा कि केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में सहकारिता मंत्रालय ने पांच वर्षों के भीतर ही दो लाख नए पैक्स डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के रूप में विकसित करेगा। इस अभियान के माध्यम से देश के प्रत्येक पंचायत में व्यवहार्य सहकारी समितियों की स्थापना की जाएगी।

उन्होंने कहा कि सहकारिता मंत्री के वादे के अनुसार सहकारिता मंत्रालय न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर मक्का खरीद के लिए तैयार है। उन्होंने सभी मक्का किसानों से इथेनॉल मिश्रण कार्यक्रम के तहत राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ (एनसीसीएफ) और भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) द्वारा खरीद के लिए किसान पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराने का आग्रह किया। यह कदम किसानों और इथेनॉल मिश्रण मिशन दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा। शाह ने  पेट्रोल और डीजल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के संशोधित लक्ष्य की घोषणा की है और इसे प्राप्त करने की पूर्व समय सीमा को 2030 से घटाकर 2025-26 कर दिया है। उनके नेतृत्व में किसानों को मक्का और दालों के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करके पैक्स को और मजबूत करने के लिए कदम उठाए गए हैं। मक्का और दालों का उत्पादन करने वाले पहले से पंजीकृत किसानों की पूरी उपज को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का निर्णय लिया गया है।

YuvaSahakar Team

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